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Hindi News पैसा बिज़नेस रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर, बेरोजगारी दर में बड़ी गिरावट, नौकरियों में महिलाओं की लंबी छलांग

रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर, बेरोजगारी दर में बड़ी गिरावट, नौकरियों में महिलाओं की लंबी छलांग

श्रमबल जनसंख्या का वह समूह है जो वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन के लिए आर्थिक गतिविधियां तेज करने को श्रम की आपूर्ति करता है या आपूर्ति करने की पेशकश करता है।

Unemployment rate- India TV Paisa Image Source : FILE बेरोजगारी दर

रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है। केंद्र सरकार की सांख्यिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के अनुसार, देश में रोजगार के अवसर बढ़ने से बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार, 15 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर वर्ष 2023 में घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई, जो तीन साल का सबसे निचला स्तर है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोविड महामारी का मार्च, 2020 में प्रसार शुरू होने के बाद से रोजगार की स्थिति सुधर रही है। महामारी पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन लगाए जाने से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गई थीं। लेकिन केंद्र और राज्यों में लॉकडाउन हटाए जाने के बाद आर्थिक गतिविधियां तेज होने से स्थिति सुधरी है। सर्वेक्षण से पता चला कि महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर भी 2023 में घटकर तीन प्रतिशत पर आ गई। 

देश में लगातार घट रही ​बेरोजगारी दर 

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) की तरफ से मंगलवार को जारी आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2023 में देश की बेरोजगारी दर 3.1 प्रतिशत रही जबकि 2022 में यह 3.6 प्रतिशत और 2021 में 4.2 प्रतिशत रही थी। बेरोजगारी दर को श्रमबल (15 साल से अधिक उम्र वर्ग) में बेरोजगार लोगों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है। महिला बेरोजगारी वर्ष 2022 में 3.3 प्रतिशत और 2021 में 3.4 प्रतिशत रही थी। इसी तरह पुरुषों के लिए बेरोजगारी का आंकड़ा 2022 में 3.7 प्रतिशत और 2021 में 4.5 प्रतिशत था लेकिन पिछले साल यह घटकर 3.2 प्रतिशत पर आ गया। 

शहरी और ग्रामीण दोनों में सुधार 

शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की कुल दर में भी वर्ष 2023 में गिरावट आई और यह 5.2 प्रतिशत पर आ गई। वर्ष, 2022 में शहरी बेरोजगारी दर 5.7 प्रतिशत थी जबकि वर्ष 2021 में यह 6.5 प्रतिशत थी। इसी तरह, ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर 2022 के 2.8 प्रतिशत और 2021 के 3.3 प्रतिशत से घटकर बीते साल 2.4 प्रतिशत पर आ गई। शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में श्रमबल भागीदारी दर (एलएफपीआर) बढ़कर 2023 में 56.2 प्रतिशत हो गई जबकि 2022 में यह 52.8 प्रतिशत और 2021 में 51.8 प्रतिशत थी। 

श्रमबल जनसंख्या का वह समूह है जो वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन के लिए आर्थिक गतिविधियां तेज करने को श्रम की आपूर्ति करता है या आपूर्ति करने की पेशकश करता है। इस तरह श्रमबल में नियोजित और बेरोजगार दोनों तरह के लोग शामिल होते हैं। 

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