अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर, नवंबर में सर्विस सेक्टर की PMI तीन माह के रिकॉर्ड हाई पर पहुंची
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने कहा कि ताजा मांग सफल विपणन और बिक्री में लगातार वृद्धि के चलते है। सेवा पीएमआई लगातार 16वें महीने 50 अंक से अधिक है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। बाजार में मजबूत मांग के कारण भारत में सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) की वृद्धि नवंबर में तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। एक मासिक सर्वेक्षण में सोमवार को यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक अक्टूबर में 55.1 पर था, और यह नवंबर में बढ़कर 56.4 पर पहुंच गया, जो सेवा गतिविधियों में तेज वृद्धि का संकेत देता है। सर्विस सेक्टर में मजबूती का मतलब है कि देश में नई नौकरियां सृजित हो रही हैं। यानी रोजगार के नए मौके बन रहे हैं। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में जब नए मौके बनते हैं तो बाजार में मांग बढ़ती है। यह जीडीपी की रफ्तार तेज और बड़ा करने का काम करता है।
बिक्री में लगातार वृद्धि के चलते मांग बढ़ी
गौरतलब है कि उच्च ऑपरेशनल खर्चों के बावजूद वृद्धि दर तीन महीने के उच्च स्तर पर है। सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने कहा कि ताजा मांग सफल विपणन और बिक्री में लगातार वृद्धि के चलते है। सेवा पीएमआई लगातार 16वें महीने 50 अंक से अधिक है। खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से अधिक अंक गतिविधियों में विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से कम अंक का अर्थ संकुचन है। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि नये कारोबार और उत्पादन में तेजी से वृद्धि के साथ भारतीय सेवा प्रदाताओं ने मजबूत घरेलू मांग का लाभ उठाना जारी रखा। सर्वेक्षण में कहा गया है कि रोजगार एक ठोस गति से बढ़ा है, जो तीन वर्षों में सबसे तेज है।
अक्टूबर में भी रही थी तेजी
भारत में मांग में मजूबती से रोजगार गतिविधियों में उछाल आने और नए कारोबारों में लाभ मिलने की वजह से भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अक्टूबर में तेजी रही थी। अक्टूबर में लगातार 15वें महीने सेवा क्षेत्र की गतिविधि में विस्तार देखा गया था। सेवा अर्थव्यवस्था में नए कारोबारों में बढ़ोतरी जारी रहने और उत्पादन की आवश्यकताओं ने रोजगार सृजन को समर्थन दिया है। लगातार पांचवे महीने रोजगार में बढ़ोतरी हुई और तीन साल में यह दूसरी बार है जब इसकी रफ्तार इतनी अधिक रही। अक्टूबर में वृद्धि के सकारात्मक अनुमानों की वजह से भी रोजगार सृजन को बढ़ावा मिला।