देश में एथेनॉल ब्लेंडिंग (Ethanol Blending) को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़ी राहत की तैयारी कर रही है। खबर है कि सरकार 12% और 15% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (Petrol) पर उत्पाद शुल्क रियायत दे सकती है।
कच्चे तेल (Crude Oil:के बढ़ते दाम भारत के बही खातों पर बहुत बुरा असर डाल रहे हैं। दूसरी ओर भारतीय बाजार में भी पेट्रोल की कीमतें शिखर पर हैं। इस बीच सरकार ईंधन की कीमत को कम करने और 2025-26 तक 20% लक्ष्य तक पहुंचने के लिए एथेनॉल ब्लेंडिंग (Ethanol Blending) की प्रक्रिया को तेज करने की तैयारी में है। इसके तहत सरकार 12% और 15% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क रियायत दे सकती है। अंग्रेजी समाचार चैनल ईटी नाउ की खबर के अनुसार 20% बायोडीजल के साथ मिश्रित हाईस्पीड डीजल पर उत्पाद शुल्क रियायत भी दी जा सकती है।
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भारत ने हाल ही में भारत ने तय लक्ष्य से पांच महीने पहले 10 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य हासिल किया था। अब अगला लक्ष्य 2025-26 तक 20% ब्लेंडिंग का है। इसी दिशा में बढ़ते हुए सरकार यह रियायत देने की कोशिश कर रही है।
10% ब्लेंडिंग से हुई 41 हजार करोड़ की बचत
पेट्रोल में 10% ब्लेंडिंग कर भारत को विदेशी मुद्रा में लगभग 41,000 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली है। यह कदम ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो गया है जब कच्चे तेल के दाम आसमान में हैं, और भारत रुपये में गिरावट का सामना कर रहा है। इस मुश्किल दौर में विदेशी मुद्रा को खजाने से निकलने से रोकना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
मई में की थी एक्साइज में कटौती
मई में, सरकार ने ईंधन के खुदरा मूल्य को कम करने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती की। इस दौरान सरकार की कोशिशों के चलते पेट्रोल के दाम में 9 रुपये तक की राहत मिली थी। इससे पहले सरकार नवंबर में भी पेट्रोल डीजल पर एक्साइज में कटौती कर चुकी है। उपभोक्ताओं को और राहत प्रदान करने के लिए स्थानीय करों में कई राज्यों में इसी तरह की कटौती की थी।
पेट्रोल, डीजल के निर्यात पर TAX लगाया
सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के अन्य देशों को निर्यात पर शुक्रवार को कर लगाया। ओएनजीसी और वेदांता लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल से मिलने वाले अप्रत्याशित लाभ पर भी कर लगाया गया है। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से कर लगाया है तथा डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का कर लगाया गया है।
सरकार को सालाना 67,425 करोड़ मिलेंगे
इसके अलावा कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त कर लगाया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड तथा निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड की केयर्न ऑयल एंड गैस के कच्चे तेल के उत्पादन पर कर लगाने से और 2.9 करोड़ टन कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन से सरकार को सालाना 67,425 करोड़ रुपये मिलेंगे।
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