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Hindi News पैसा बिज़नेस रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर, मार्च में सेवा क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ीं, उछलकर 53.6 पर पहुंचा PMI

रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर, मार्च में सेवा क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ीं, उछलकर 53.6 पर पहुंचा PMI

कारोबारी गतिविधियां सूचकांक मार्च में 53.6 पर पहुंच गया, फरवरी में यह 51.8 पर था जो दिसंबर के बाद से विस्तार की सबसे तेज दर दर्शाता है।

<p>Service sector</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Service sector

Highlights

  • फरवरी में पीएमआई 51.8 पर था जो दिसंबर के बाद से विस्तार की सबसे तेज दर दर्शाता है
  • यह लगातार आठवां महीना है जब सेवा क्षेत्र ने उत्पादन में विस्तार देखा
  • बीते 11 साल में लागत सबसे तेजी से पिछले वित्त वर्ष के अंत में बढ़ी

नई दिल्ली। रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर है। मांग संबंधी परिस्थितियां मजबूत होने के कारण मार्च में सेवा क्षेत्र में गतिविधियां बेहतर हुई हैं। हालांकि, इस महीने लागत 11 साल के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है। एक सर्वे में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधियां सूचकांक मार्च में 53.6 पर पहुंच गया, फरवरी में यह 51.8 पर था जो दिसंबर के बाद से विस्तार की सबसे तेज दर दर्शाता है।

लगातार आठवें महीने विस्तार 

यह लगातार आठवां महीना है जब सेवा क्षेत्र ने उत्पादन में विस्तार देखा। ‘परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स’ (पीएमआई) 50 से ऊपर गतिविधियों में तेजी को सूचित करता है जबकि 50 से नीचे गिरावट को बताता है। एसऐंडपी ग्लोबल की इकनॉमिक्स एसोसिएट निदेशक पॉलिएना डि लीमा ने बुधवार को कहा, यूक्रेन में युद्ध ने आपूर्ति श्रृंखलाओं में पहले से आ रही परेशानियों को बढ़ा दिया, इससे भारतीय सेवा अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति में फिर से तेजी आई। मार्च के नतीजों ने 11 साल में लागत में सबसे तेज उछाल दिखाया, हालांकि इससे क्षेत्र में पुनरुद्धार प्रभावित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संबंधी पाबंदियों में ढील मिलने से भी उपभोक्ता खर्च करने के लिए तैयार हैं। कंपनियों ने 2022 में अब तक बिक्री और गतिविधियों में सबसे तेज विस्तार देखा। हालांकि, मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के कारण कारोबारी विश्वास अभी कमजोर बना हुआ है। 

बढ़ी लागत ने बढ़ाई चिंता 

बीते 11 साल में लागत सबसे तेजी से पिछले वित्त वर्ष के अंत में बढ़ी। हालांकि, कंपनियों ने ज्यादातर भार स्वयं पर लिया और कीमतों में मामूली वृद्धि ही की। सर्वे में कहा गया कि मुद्रास्फीति अनुमानों के कारण मार्च में कारोबारी विश्वास कमजोर बना रहा। वृद्धि की संभावनाओं से कंपनियां उत्साहित जरूर हैं लेकिन ऐतिहासिक आंकड़ों के संदर्भ में धारणा नरम रहीं। इस बीच समग्र पीएमआई उत्पादन सूचकांक मार्च में 54.3 रहा। फरवरी में यह 53.5 था। यह इस साल विस्तार की सबसे मजबूत दर को दर्शाता है। 

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