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Hindi News पैसा बिज़नेस नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर, जनवरी से मार्च तक कंपनियां करेंगी बंपर भर्तियां: रिपोर्ट

नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर, जनवरी से मार्च तक कंपनियां करेंगी बंपर भर्तियां: रिपोर्ट

नए साल में जॉब के मौके बढ़ेंगे। दरअसल, देश की छोटी से बड़ी कंपनियां नई हायरिंग करने की तैयारी में है। ये हायरिंग जनवरी से मार्च तक होगी।

New Hiring - India TV Paisa Image Source : FILE नई हायरिंग

देश में नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। आने वाले महीनों में नई नौकरियों की संख्या बढ़ने वाली है। दरअसल, कंपनियां नए साल की शुरू से लेकर मार्च तक बंपर भर्ती करने की तैयारी में है। मैनपावरग्रुप के एम्प्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे में शामिल 40 प्रतिशत कंपनियों के शीर्ष मैनेजमेंट ने अगले तीन महीनों में अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की बात कही। इसके चलते भारत में जनवरी-मार्च 2025 में रोजगार परिदृश्य वैश्विक स्तर पर सबसे मजबूत रहने के आसार हैं। यानी नई नौकरियां निकलेंगी और युवाओं को मौके मिलेंगे। 

सर्वे में 3,000 कंपनियों ने हिस्सा लिया 

सर्वे में भारत के विभिन्न सेक्टर के 3,000 से अधिक कंपनियों को शामिल किया गया। मंगलवार को जारी इस सर्वे के अनुसार, 53 प्रतिशत नियोक्ता कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जबकि 13 प्रतिशत नियोक्ताओं ने 2025 कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में कर्मचारियों की संख्या कम करने की आशंका जतायी। वहीं, 31 प्रतिशत कंपनी किसी बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। कुल मिलाकर आने वाला समय बेहतर होने की पूरी उम्मीद है। सरकार भी अपना खर्च बढ़ा रही है, जिससे कंपनियों के पास काम के ऑर्डर बढ़ेंगे। इससे भी नए रोजगार के अवसर सृजन होंगे। 

दुनिया में सबसे ज्यादा मौके निकलेंगे 

मैनपावरग्रुप के भारत एवं पश्चिम एशिया के प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। 2025 की पहली तिमाही के लिए एम्प्लॉयमेंट आउटलुक में ग्लोबल लीडर रूप में इसकी स्थिति देश की आर्थिक प्रगति में नियोक्ताओं के विश्वास को दर्शाती है। भारत में सबसे अधिक 40 प्रतिशत शुद्ध रोजगार अनुमान प्रतिशत है। इसके बाद 34 प्रतिशत के साथ अमेरिका, 32 प्रतिशत के साथ मेक्सिको का क्रमश: दूसरा तथा तीसरा स्थान है। अर्जेंटीना के लिए एम्प्लॉयमेंट आउटलुक सबसे खराब -1 प्रतिशत रहा। वहीं वैश्विक औसत 25 प्रतिशत आंका गया। 

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