सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने 2047 तक 50,000 किमी उच्च गति वाले गलियारे बनाने का प्रस्ताव दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने शुक्रवार को कहा कि यह परियोजना पूरी हो जाने पर राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर ट्रकों की औसत गति 45 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़कर 75-80 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उच्च गति के गलियारों की कुल लंबाई 2014 में 353 किलोमीटर थी, जो 2023 में बढ़कर 3,913 किलोमीटर हो गई।
30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य
भारत को 2047 तक लगभग 30 लाख करोड़ डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए दृष्टिकोण पत्र नीति आयोग द्वारा तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी महीने के अंत तक उसे जारी करेंगे। आयोग को 2023 में ‘विकसित भारत@2047’ के लिए 10 क्षेत्रीय विषयगत दृष्टिकोणों को एक संयुक्त दृष्टिकोण में समेकित करने का कार्य सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन में सुधार और दोहराव को कम करने के लिए परियोजना आवंटन ‘विजन 2047’ के अनुसार होगा। जैन के अनुसार, बंदरगाहों से जोड़ने वाली 3,700 किलोमीटर की 108 सड़क परियोजनाओं में से आठ परियोजनाएं (294 किलोमीटर) पूरी हो चुकी हैं, 28 परियोजनाओं (1,808 किलोमीटर) का आवंटन हो चुका है और 72 परियोजनाओं (1,595 किलोमीटर) के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रक्रिया में हैं।
ये प्रोजेक्ट जल्द पूरे किए जाएंगे
उन्होंने कहा कि पर्वतमाला परियोजना के तहत चालू वित्त वर्ष के अंत तक 60 किलोमीटर की रोपवे परियोजनाओं का आवंटन करने की योजना है। जैन ने कहा कि वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में 3.85 किमी की रोपवे निर्माणाधीन है, जबकि 36 किमी लंबाई की नौ परियोजनाओं के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं। उन्होंने कहा कि 2018 में पथकर वसूलो, परिचालन करो और सौंप दो (टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर-टीओटी) मॉडल आने के बाद से सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टीओटी माध्यम से सड़क संपत्ति मौद्रीकरण के छह दौर पूरे कर लिए हैं और 26,366 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
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