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Hindi News पैसा बिज़नेस इंडियन इकोनॉमी के लिए आई अच्छी खबर, डेलॉयट ने भारत की GDP ग्रोथ को लेकर लगाया ये अनुमान

इंडियन इकोनॉमी के लिए आई अच्छी खबर, डेलॉयट ने भारत की GDP ग्रोथ को लेकर लगाया ये अनुमान

भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। डेलॉयट इंडिया ने वित्त वर्ष 2024-25 में वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान को सात प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत के बीच रखा है।

Indian Economy - India TV Paisa Image Source : FILE भारतीय अर्थव्यवस्था

इंडियन इकोनॉमी को लेकर एक बार फिर अच्छी खबर आई है। डेलॉयट इंडिया ने मजबूत सरकारी व्यय तथा उच्च विनिर्माण निवेश से भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2024-25 में सात से 7.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है। हालांकि, उसने कहा कि वैश्विक वृद्धि में नरमी से अगले वित्त वर्ष की संभावना प्रभावित होगी। डेलॉयट ने अपने ‘अक्टूबर 2024 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था परिदृश्य’ में कहा, संपन्न विनिर्माण क्षेत्र, स्थिर तेल कीमतें और चुनाव के बाद संभावित अमेरिकी मौद्रिक सहजता से भारत में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा मिल सकता है, उत्पादन लागत कम हो सकती है तथा दीर्घकालिक निवेश व रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में सालाना अधार पर 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 

दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ी अर्थव्यवस्था

हालांकि यह पांच तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि है, लेकिन भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। डेलॉयट इंडिया ने बयान में कहा, उसने वित्त वर्ष 2024-25 में वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान को सात प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत के बीच और उसके अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इसे 6.5 से 6.8 प्रतिशत के बीच बरकरार रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में अनुमान लगाया था कि मजबूत घरेलू गतिविधि से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। 

भारतीय अर्थव्यवस्था में इसलिए बनी हुई है तेजी 

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘‘ घरेलू कारक जैसे कि मुद्रास्फीति में नरमी, खासकर खाद्य पदार्थों में, बेहतर बारिश तथा रिकॉर्ड खरीफ उत्पादन, वर्ष की दूसरी छमाही में मजबूत सरकारी व्यय और विनिर्माण में बढ़ता निवेश इस वर्ष भारत की वृद्धि में सहायक होंगे।’’ मजूमदार ने कहा, ‘‘ अमेरिकी फेडरल द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद उच्च पूंजी प्रवाह दीर्घकालिक निवेश व रोजगार के अवसरों में तब्दील हो सकता है, क्योंकि दुनिया भर में बहुराष्ट्रीय कंपनियां परिचालन लागत को और कम करने की कोशिश कर रही हैं।’’ 

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