श्रीलंका अगले साल फरवरी तक चरणबद्ध तरीके से सभी वाहनों के आयात पर प्रतिबंध हटा लेगा। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। श्रीलंका ने "अर्थव्यवस्था में सामान्य स्थिति बहाल करने" के प्रयासों के तहत यह फैसला लिया है। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम से जुड़ी व्यापक आर्थिक सुधार रणनीति के तहत एक अक्टूबर से तीन चरणों में प्रतिबंध हटाया जाएगा।
विदेशी मुद्रा भंडार रोकने के लिए लगाया था प्रतिबंध
राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग ने कहा कि मोटर वाहन आयात की अनुमति देने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी चार साल के "कड़े आयात प्रतिबंधों" के बाद आई है, जो तीव्र आर्थिक संकट के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने के लिए लगाए गए थे। साल 2020 में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के साथ, श्रीलंका ने विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने के लिए आयात प्रतिबंध लगाए। तब दवा, ईंधन और भोजन जैसे आवश्यक आयातों के लिए घटते विदेशी भंडार का उपयोग करने की जरूरत थी।
श्रीलंका को भारत से ऑटो निर्यात
सियाम के अनुसार, श्रीलंका भारतीय ऑटोमोबाइल के लिए बड़ा निर्यात बाजार है। श्रीलंका की आर्थिक समस्याओं में फंसने के कारण भारत से होने वाले ऑटो निर्यात पर असर पड़ा है और मांग में भारी कमी आई है। यह द्वीप राष्ट्र एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण निर्यात बाजार है, खासकर भारत से हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) के लिए। हमारे डेटाबेस के अनुसार, 2020 में भारत से श्रीलंका को निर्यात किए जाने वाले वाहन श्रेणी के तहत मोटरसाइकिल सबसे अधिक उत्पाद थे। हालांकि, भारत से मोटरसाइकिलों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के श्रीलंका सरकार के फैसले के कारण श्रीलंका को भारतीय मोटरसाइकिलों का निर्यात काफी कम हो गया। अब प्रतिबंध हटने से भारतीय कंपनियों का निर्यात बढ़ेगा जिनसे उनका मुनफा में वृद्धि होगी।
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