इजरायल और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच जंग छिड़ने से सोने के भाव में बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है। इस बीच एक अच्छी खबर आई है कि देश में पहली बड़ी निजी सोने की खदान से Gold का उत्पादन होगा। ग्लोड एक्सपर्ट का कहना है इससे न सिर्फ भारत को विदेशों से सोने का आयात कम करना होगा, बल्कि कीमत पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। सोने का उत्पाद देश में होने से लोगों को शुद्ध सोना मिलने का रास्ता साफ होगा। आपको बता दें कि डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) हनुमा प्रसाद ने कहा कि आंध्र प्रदेश में देश की पहली बड़ी निजी सोने की खदान में पूर्ण पैमाने पर उत्पादन अगले साल के अंत तक शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जोन्नागिरी स्वर्ण परियोजना जिसमें शुरुआती स्तर पर काम पहले ही शुरू हो चुका है, उसके तहत पूर्ण पैमाने पर उत्पादन शुरू होने के बाद प्रति वर्ष करीब 750 किलोग्राम सोने का उत्पादन होगा।
करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया
बीएसई पर सूचीबद्ध पहली और एकमात्र सोने की खोज करने वाली कंपनी डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड (डीजीएमएल) की जियोमिसोर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो जोन्नागिरी में निजी क्षेत्र की पहली सोने की खदान पर काम कर रही है। यह खदान जिसमें अब तक कुल करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वर्तमान में प्रति माह लगभग एक किलोग्राम सोने का उत्पादन कर रही है। प्रसाद ने कहा, भारतीय खदान (जोन्नागिरी परियोजना) में निर्माण कार्य चल रहा है। अगले साल अक्टूबर-नवंबर के आसपास यहां (पूर्ण रूप से) उत्पादन शुरू हो जाएगा। सोने की खदान आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में तुग्गली मंडलम के भीतर जोन्नागिरी, एर्रागुडी और पगदिराई गांवों के पास स्थित है।
खोज का काम पूरा करने में आठ से 10 लगे
प्रसाद ने कहा, खदान 2013 में दी गई थी। (परियोजना के तहत) खोज का काम पूरा करने में करीब आठ से 10 लग गए।’’ प्रबंध निदेशक ने बताया कि किर्गिस्तान में कंपनी की एक अन्य सोने की खनन परियोजना के तहत उत्पादन 2024 अक्टूबर या नवंबर में शुरू होने की संभावना है। उसमें डीजीएमएल की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा, ‘‘अल्टीन टोर गोल्ड परियोजना के तहत प्रति वर्ष करीब 400 किलोग्राम सोने का उत्पादन होगा।’’
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