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बैंकों के लिए राहत भरी खबर, फंसे रियल्टी प्रोजेक्ट में कर्ज वसूली की दर सुधरेगी

क्रिसिल के मुताबिक, देश के शीर्ष छह शहरों में आवासीय क्षेत्रों में स्वस्थ आर्थिक वृद्धि और मांग में उछाल के बीच आवासीय मांग में 10-12 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।

Realty Project - India TV Paisa Image Source : FILE रियल्टी प्रोजेक्ट

फंसे रियल्टी प्रोजेक्ट में कर्ज की वसूली दर चालू वित्त वर्ष में बेहतर होने की उम्मीद है। घरों की कीमतें बढ़ने के अलावा नियमों में बदलाव से भी इसमें मदद मिलने की संभावना है। सोमवार को एक रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में फंसी हुई रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट से कर्ज की वसूली दर बढ़कर 16-18 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 11 प्रतिशत था। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘रेजिडेंशियल रियल एस्टेट क्षेत्र में स्वस्थ मांग और घरों की कीमतों में बढ़ोतरी के अलावा ऐसी प्रोजेक्ट में नई जान फूंकने में निवेशकों एवं प्रवर्तकों की दिलचस्पी बढ़ने से तनावग्रस्त परियोजनाओं की व्यवहार्यता में सुधार आने से ऐसा होगा।’’ 

मांग में 10-12 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

इसके साथ ही क्रिसिल ने कहा कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के लिए भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के नियमों में हाल ही में किए गए संशोधनों से भी मध्यम अवधि में दबाव वाली रियल एस्टेट परिसंपत्तियों के समाधान को मजबूती मिलेगी। इस साल फरवरी में दिवाला नियम में किया गया संशोधन कई प्रोजेक्ट और समूह के अंतर-संबंधों को शामिल करते हुए उन्हें पूरी कंपनी से अलग करके व्यक्तिगत प्रोजेक्ट का समाधान करने में सक्षम बनाता है। क्रिसिल के मुताबिक, देश के शीर्ष छह शहरों में आवासीय क्षेत्रों में स्वस्थ आर्थिक वृद्धि और मांग में उछाल के बीच आवासीय मांग में 10-12 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। 

प्रॉपर्टी की कीमत में बड़ा उछाल

इसके अलावा खाली पड़े घरों की कम संख्या भी एआरसी (संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों) को प्रवर्तकों या बाहरी निवेशकों के समर्थन से अटकी परियोजनाओं को तेजी से चालू करने में मदद करेगी। क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक मोहित मखीजा ने कहा कि पिछले दो वित्त वर्षों में कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि और आवासीय अचल संपत्ति की अच्छी मांग के कारण 3.3 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र की खाली पड़ी इकाइयों को बढ़े हुए बाजार मूल्यों पर बेचे जाने की संभावना है। 

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