देश में रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है। नौकरियां बढ़ने से बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की शहरी बेरोजगारी दर इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 6.8 प्रतिशत रह गई। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन कार्यालय (एनएसएसओ) के आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8.2 प्रतिशत थी। इस प्रकार देश के शहरों में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च में 2018-19 में इस सर्वेक्षण के अस्तित्व में आने के बाद सबसे कम रही है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, एक व्यक्ति को नियोजित माना जाता है यदि उसने सर्वेक्षण के दिन से पहले सात दिनों के दौरान किसी भी दिन कम से कम एक घंटा काम किया हो।
महिलाओं में बेरोजगारी की दर घटी
बेरोजगारी दर पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में सबसे ज्यादा थी। इसका मुख्य कारण देश में कोविड संबंधित बाधाएं थी। सर्वेक्षण के अनुसार, बेरोजगारी दर पिछले साल जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर में 7.2 प्रतिशत थी। वहीं अप्रैल-जून, 2022 में यह 7.6 प्रतिशत थी। निश्चित अवधि पर होने वाले 18वें श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार शहरी क्षेत्रों में 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर अप्रैल- जून, 2022 में 7.6 प्रतिशत थी। आंकड़ों से पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 साल और उससे अधिक) में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च, 2023 में घटकर 9.2 प्रतिशत पर आ गयी जो एक साल पहले इसी तिमाही में 10.1 प्रतिशत थी।
पुरुषों में शहरी क्षेत्रों में स्थिति सुधरी
वहीं पुरुषों में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर इस साल पहली तिमाही में कम होकर छह प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2022 की जनवरी-मार्च तिमाही में 7.7 प्रतिशत थी। जनवरी-मार्च में, भारत की शहरी बेरोजगारी दर गिर गई। वहीं, आंकड़ा इस साल की पहली तिमाही में घटकर छह प्रतिशत हो गई। अक्टूबर-दिसंबर 2022 में आंकड़ा 6.5 प्रतिशत तो वहीं आंकड़ा जुलाई-सितंबर 2022 में 6.6 फीसदी था गया था। साथ ही श्रम बल की भागीदारी की दर पिछली तिमाही के 48.2 प्रतिशत से बढ़कर 48.5 प्रतिशत हो गई।
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