Good News: 8 माह बाद पेट्रोल-डीजल के दाम में जल्द होगी कटौती! जानें कितने घटेंगे रेट
पिछले साल रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमत 133 रुपये प्रति डॉलर पहुंच गई थी। हालांकि, अब यह गिरकर 86 रुपये प्रति बैरल पर है। ब्रेंट क्रूड का भाव लंबे समय से 80 से लेकर 90 डॉलर प्रति बैरल के बीच चल रहा है।
पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती का 8 माह लंबा इंतजार जल्द खत्म होने की उम्मीद है। इसके संकेत केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बयान से मिले हैं। उन्होंने तेल कंपनियों से अपील की है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें नियंत्रण में हैं और कंपनियों की घाटे की रिकवरी पूरी हो गई है तो देश में तेल की कीमतें कम करें। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही पेट्रोलियम कंपनियां देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती कर सकती है। अब सवाल उठता है कि अगर ईंधन की कीमत में कटौती होगी तो कितने रुपये प्रति लीटर होगी। हमने इस बात की जानकारी के लिए ऊर्जा क्षेत्र के दो दिग्गजों से बात की। तो आइए, जानते हैं कि पेट्रोलियम कंपनियां अपको कितने रुपये का राहत दे सकती है।
पिछले साल 21 मई के बाद कीमत में बदलाव नहीं
आपको बता दें कि ईंधन की दरों में कमी पिछले साल 21 मई को हुआ था, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। उसके बाद से पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट आई है। लंबे समय से रेट में ठहराव भी देखने को मिल रहा है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज में रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि पिछले साल रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमत 133 रुपये प्रति डॉलर पहुंच गई थी। हालांकि, अब यह गिरकर 86 रुपये प्रति बैरल पर है। ब्रेंट क्रूड का भाव लंबे समय से 80 से लेकर 90 डॉलर प्रति बैरल के बीच चल रहा है। यानी प्रति बैरल करीब 45 डॉलर की बचत तेल कंपनियों को हो रही है। इससे उनको अपना घाटा पाटने में मदद मिली है। अब उनके पास मौका है कि वो अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाए। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्राल और डीजल पर राहत मिलनी तय है। मेरा मानना है कि प्रति लीटर 1 से 2 रुपये की कटौती हो सकती है।
कीमत घटाने में ये 3 फैक्टर बने सहायक
- फॉरेक्स रिजर्व बढ़ा: पिछले एक महीने से देश का विदेशी मुद्रा फिर से बढ़ना शुरू हुआ है। यह सरकार के लिए अच्छी खबर है।
- रुपये में मजबूती लौटी: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये 2 महीने के हाई पर पहुंच गया है। रुपया एक बार फिर 80.88 पर ट्रेड कर रहा है। यह व्यापार घाटा कम करने में मदद करेगा। साथ ही ईंधन के आयात बोझ को घटाएगा।
- कच्चे तेल के भाव में ठहराव: पिछले कुछ महीने से कच्चे तेल के भाव में जारी उठा-पटक रुक गया है। कच्चा तेल 90 से नीचे ट्रेड कर रहा है। यह कच्चे तेल में ठहराव का संकेत दे रहा है। ये तीन कारण तेल कंपनियों को कीमत में कमी करने का मौका दे रहा है।
कितने रुपये की कटौती संभव
कमोडिटी मार्केट के एक्सपर्ट और केडिया एडवाइजरी के प्रेसीडेंट अजय केडिया ने इंडिया टीवी का बताया कि पिछले एक महीने से फॉरेक्स रिजर्व में सुधार, रुपये में मजबूती और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में ठहराव भारत के लिए राहत भरी खबर है। कच्चे तेल की कीमत में ठहराव से न सिर्फ आयात बिल कम होगा बल्कि व्यापार घाटा पाटने में भी मदद मिलेगी। पेट्रोलिय कंपनियों पर कच्चे तेल की कीमत कम होने से बोझ कम हुआ है। इसका फायदा आने वाले दिनों में पेट्रोलियम कंपनियां आम लोगों को दे सकती है। मेरा मानना है कि मौजूदा हालात में पेट्रोलियम कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर तक कटौती कर सकती है।