फ्रेशर्स के लिए नौकरी पाने का सुनहरा मौका, इन पदों के लिए निकलने वाली है बंपर भर्ती
इंडस्ट्री में डेवऑप्स इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, एसईओ एनालिस्ट और यूएक्स डिजाइनर के पदों के लिए फ्रेशर्स की काफी डिमांड है।
फ्रेशर्स के लिए नौकरी पाने का सुनहरा मौका है। दरअसल, फ्रेशर्स को नौकरी पर रखने के मामले में 2023 की दूसरी छमाही में 2023 की पहली छमाही के मुकाबले 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसी दौरान नौकरी खोजने वाले उम्मीदवारों की सभी श्रेणियों में कुल मिलाकर 73 फीसदी उम्मीदवारों को काम पर रखा गया, जो 2023 की पहली छमाही में 68 फीसदी था। इस तरह का स्थिर विकास आने वाले महीने में खासतौर से फ्रेशर्स के लिए अच्छी नौकरी मिलने का संकेत है। यह जानकारी टीमलीज एडटेक के करियर आउटलुक रिपोर्ट (सीओआर) से मिली है।
इन पदों पर फ्रेशर्स की बंपर डिमांड
इंडस्ट्री में डेवऑप्स इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, एसईओ एनालिस्ट और यूएक्स डिजाइनर के पदों के लिए फ्रेशर्स की काफी डिमांड है। बेंगलुरु में 2023 की दूसरी छमाही में फ्रेशर्स को 65 फीसदी नौकरी देकर गार्डन सिटी ने इस राह की अगुवाई की है। हालांकि 2023 की पहली छमाही की तुलना में इसमें 10 फीसदी की गिरावट आई। मुंबई में 61 फीसदी फ्रेशर्स और चेन्नई में 47 फीसदी फ्रेशर्स को नौकरी दी गई। दोनों शहरों में पहली छमाही के मुकाबले 5 फीसदी का उछाल आया। दिल्ली में 43 फीसदी फ्रेशर्स को नौकरी पर रखा गया, जिसमें 2023 की पहली छमाही के मुकाबले 4 फीसदी की गिरावट आई। हालांकि, नए टैलेंट की मांग में केवल थोड़ा बहुत उछाल आया। पिछली छमाही (जुलाई-दिसंबर 2022) की तुलना में मौजूदा छमाही में फेशर्स को नौकरी पर रखने के मामले में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
इन प्रमुख सेक्टर में गिरावट देखने को मिली
रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेशर्स की सबसे ज्यादा भर्ती करने वाली टॉप इंडस्ट्रीज में ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप (59 फीसदी), टेलीकम्युनिकेशंस (53 फीसदी), इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (50 फीसदी) शामिल है। आईटी इंडस्ट्री में फ्रेशर्स की भर्ती में 2023 की पहली छमाही के मुकाबले कुल मिलाकर 18 फीसदी की गिरावट आई। (वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 67 फीसदी के मुकाबले 2023 की दूसरी छमाही में 49 फीसदी), जबकि कुछ नए और ट्रेंड कर रहे सेक्टर्स जैसे ट्रैवल और हॉस्पिटैललिटी के क्षेत्र में 2023 की पहली छमाही की मुकाबले 2023 की दूसरी छमाही में फ्रेशर्स को नौकरी पर रखने की तादाद में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।