नई दिल्ली। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे आज देर रात आने की उम्मीद है। अमेरिकी फेड कोरोना के बाद आसमान छूती महंगाई को रोकने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान कर चुका है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी फेड 40 साल के उच्चतम स्तर पर चल रही मुद्रास्फीति को रोकने के लिए ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। ये 2018 के बाद ब्याज दरों में पहली बढ़ातोरी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर फेड 0.25% से अधिक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है और आने वाले महीनों में ब्याज बढ़ाने की बात करता है तो तो इसका नकारात्मक असर भारतीय शेयर बाजार समेत सोने पर होगा। फेड ने ब्याज दरों में तीन बार बढ़ोतरी की बात कही थी। ऐसे में सोने की कीमत में बड़ी गिरावट आ सकती है और सोना एक बार फिर 46,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है।
कहां तक गिरने की संभावना
इंडिया इंफोलाइन सिक्योरिटीज (IIFL Securities) के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते सोने की कीमतों में हाल के दिनों में आई जोरदार तेजी के बाद अब कुछ करेक्शन या कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है। नियर टर्म में सोने की कीमतों पर अमेरिकी फेड के फैसले का असर देखने को मिलेगा। अगर फेड आज रात ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर देता है और आगे भी एग्रेसिव नीति अपनाने की बात करता है तो सोने में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। सोना एक बार फिर 46,000 के 47,000 के स्तर को छू सकता है।
सोने पर नकारात्मक असर होगा
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के अनुसार, अगर यूएस फेड रेट हाइक करता है तो इसका सोने पर नकारात्मक असर होगा। वहीं, डॉलर पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। हाल के दिनों में सोने की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में ब्याज दर में बढ़ोतरी पर कॉमेक्स पर सोने की कीमत 1870 से 1880 डॉलर प्रति औंस तक देखने को मिल सकता है। इसके चलते घरेलू बाजार में भी गिरावट आएगी।
सोने में आज फिर गिरावट
कमजोर वैश्चिक रुख के बीच बुधवार को सोने का वायदा भाव 178 रुपये की गिरावट के साथ 51,386 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में सोने का अप्रैल आपूर्ति वाला अनुबंध का भाव 178 रुपये या 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,386 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।
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