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Hindi News पैसा बिज़नेस सोने-चांदी की जूलरी के लिए इस मामले में ये नए मानदंड 31 अगस्त तक स्थगित, जानें पूरी बात

सोने-चांदी की जूलरी के लिए इस मामले में ये नए मानदंड 31 अगस्त तक स्थगित, जानें पूरी बात

डीजीएफटी ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा कि रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अनुरोध पर यह फैसला लिया गया है। ताजा अपडेट में कहा गया है कि अंतरिम अवधि में 27 मई का नोटिस जारी होने से पहले मौजूद अवशिष्ट मानदंड ही लागू रहेंगे।

निर्यातक समुदाय ने अपनी चिंताएं जताई थीं।- India TV Paisa Image Source : FILE निर्यातक समुदाय ने अपनी चिंताएं जताई थीं।

सोने-चांदी के आभूषणों के एक्सपोर्ट को लेकर एक लेटेस्ट खबर है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने सोमवार को कहा कि आभूषण निर्यात में सोने, चांदी और प्लैटिनम सामग्री के लिए स्वीकार्य अवशिष्ट मात्रा से संबंधित नए मानदंड 31 अगस्त, 2024 तक स्थगित रहेंगे। भाषा की खबर के मुताबिक, डीजीएफटी ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा कि रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अनुरोध पर यह फैसला लिया गया है। इसके पहले मई में इन मानदंडों को जुलाई तक के लिए रोक दिया गया था। लेकिन अब इसे एक और महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

27 मई का नोटिस जारी होने से पहले वाले मानदंड लागू रहेंगे

खबर के मुताबिक, डीजीएफटी ने कहा कि 27 मई की तारीख वाली सार्वजनिक सूचना को जीजेपीईसी के अनुरोध पर 31 अगस्त, 2024 तक स्थगित रखा गया है। अंतरिम अवधि में 27 मई का नोटिस जारी होने से पहले मौजूद अवशिष्ट मानदंड ही लागू रहेंगे। यह कदम उस समय उठाया गया है जब उद्योग ने सोने और चांदी के आभूषणों के निर्यात के संबंध में अवशिष्ट (वेस्ट) की स्वीकार्य मात्रा और इनपुट और आउटपुट के स्टैंडर्ड्स से संबंधित संशोधित मानदंडों पर चिंता जताई है।

निर्यातक समुदाय ने जताई थी चिंता

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 27 मई को मानदंडों को सख्त करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था जिसके बाद निर्यातक समुदाय ने अपनी चिंताएं जताई थीं। इनपुट-आउटपुट मानदंड इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, रसायन, खाद्य उत्पादों, मछली और समुद्री उत्पाद, हस्तशिल्प, प्लास्टिक और चमड़े के उत्पादों के लिए लागू होते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के रत्न और आभूषण का अप्रैल से मई 2024 की अवधि के लिए लेटेस्ट कुल सकल निर्यात 4691.58 मिलियन अमेरिकी डॉलर (39123.07 करोड़ रुपये) रहा, जो एक बेहतरीन प्रदर्शन दर्शाता है। यह वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव के बीच इस तरह के महत्वपूर्ण आंकड़े बनाए रखने की इस क्षेत्र की क्षमता इसकी स्थिरता और अनुकूलनशीलता को रेखांकित करती है।

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