Gold Rate Today: सोना लगातार दूसरे दिन सस्ता हुआ, कीमत में अभी और आएगी गिरावट, ये है वजह
अगर आप सोना खरीदने की योजना बना रह हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। आने वाले दिनों में सोना और सस्ता हो सकता है।
Gold rate today: सोने की कीमत में आज लगाातर दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत में 200 रुपये टूटकर 79,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। सोमवार को 24 कैरेट वाले सोने की कीमत 79,200 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी। वहीं, 22 कैरेट वाले सोने की कीमत 200 रुपये गिरकर 78,600 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। सोमवार को यह 78,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमत में अभी और गिरावट आएगी। आखिर ऐसा क्यों होगा? आइए जानते हैं।
इसलिए और सस्ता होगा सोना
एबन्स होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता के अनुसार, उम्मीद से बेहतर अमेरिकी विनिर्माण पीएमआई आंकड़ों के कारण अमेरिकी डॉलर को मजबूती मिली, जिससे सोने की कीमतें लगभग स्थिर रहीं। वहीं, कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि ट्रम्प के आने से वैश्विक स्थिति बदली है। वैश्विक हालात बदलने से सोने के प्रति आकर्षण कम होने की उम्मीद है। निवेशक बॉन्ड और दूसरे निवेश माध्यम की ओर रुख करेंगे। भारत में शादियों का सीजन कुछ समय तक रुकने के चलते भी सोने की मांग कम होगी। इससे आने वाले दिनों में सोने की कीमत में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
ट्रम्प की चेतावनी के बाद डॉलर मजबूत
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के विश्लेषक (जिंस शोध) मानव मोदी ने कहा कि पिछले सत्र में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी गई, जो कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ब्रिक्स देशों पर भारी शुल्क लगाने की चेतावनी के बाद डॉलर में मजबूती के बाद आई। मोदी ने कहा कि ट्रम्प की चेतावनी ने ब्रिक्स सदस्य देशों की मुद्राओं को नुकसान पहुंचाया और डॉलर को ऊंचा कर दिया, क्योंकि कारोबारियों को अमेरिका की ओर से और भी अधिक संरक्षणवादी नीतियों की आशंका है। इससे रुपये में और गिरावट आई और यह अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि इजराइल-हिजबुल्लाह युद्धविराम के जारी रहने के संकेतों से भी सोने की सुरक्षित निवेश के मांग में कमी आई, हालांकि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव ने कुछ सुरक्षित खरीदारी को जारी रखा।