Gold Price: सोना अभी और होगा सस्ता, कमोडिटी एक्सपर्ट बता रहे- कीमत में क्यों आएगी गिरावट
99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव एक बार फिर 65 से 68 हजार प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। ऐसे में अगर आप निवेशक हैं तो थोड़ा इंतजार करना सही होगा। ज्वैलरी की खरीदारी करनी है तो कुछ खरीदारी अभी कर लें और इंतजार करें।
बजट के बाद सोने और चांदी (Gold and Silver) की कीमत में बड़ी गिरावट आई है। 23 जुलाई से लेकर 27 जुलाई तक सोना करीब 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी करीब 8000 रुपये प्रति किलोग्राम सस्ती हो चुकी है। इसकी वजह वित्त मंत्री द्वारा बजट में सोने पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी 15% से घटाकर छह प्रतिशत करने की घोषणा है। सोने की कीमत में बड़ी गिरावट के बाद सोने की खरीदारी बढ़ गई है। लोगों को लग रहा है कि सोना और चांदी खरीदने का यह बेहतरी मौका है, लेकिन कमोडिटी एक्सपर्ट इस राय से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि सोने और चांदी की कीमत में पिछले 1 साल में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। सोना बीते एक साल में करीब 25% महंगा हुआ है। चांदी की कीमत करीब 30% बढ़ी है। सोने और चांदी में एकतरफा तेजी दर्ज की गई है। अब वैश्विक और घरेलू हालात बदल रहे हैं। ऐसे में सोने की कीमत में तेजी की उम्मीद शॉर्ट टर्म में बहुत कम है। हां, गिरावट आने की पूरी संभावना है।
सोने का भाव एक बार फिर 65 हजार रुपये तक संभव
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी-करेंसी प्रमुख अनुज गुप्ता (Anuj Gupta) ने इंडिया टीवी को बताया कि सोने की कीमत में अभी और गिरावट की पूरी गुंजाइश है। एमसीएक्स पर उपलब्ध सभी अनुबंधों पर नजर डालें तो सोने की कीमत और नीचे आ सकती है। उन्होंने कहा कि सोने की कीमत में गिरावट की कई दूसरी वजह भी है, जिसमें अमेरिका के मजबूत जीडीपी आंकड़े, बढ़ी महंगाई से राहत, भू-राजनीतिक तनाव में कमी और दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी धीमी करना शामिल है। ये सारे फैक्टर्स सोने और चांदी की कीमत के लिए नेगेटिव हैं। मेरा मनना है कि इसका आने वाले दिनों पर सोने की कीमत पर असर देखने को मिलेगा। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव एक बार फिर 65 से 68 हजार प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। ऐसे में अगर आप निवेशक हैं तो थोड़ा इंतजार करना सही होगा। ज्वैलरी की खरीदारी करनी है तो कुछ खरीदारी अभी कर लें और इंतजार करें।
क्यों सोने की कीमत में गिरावट की आशंका
- बाजार की धारणा: अमेरिका की मजबूत जीडीपी आंकड़ें, भू-राजनीतिक तनाव में कमी और दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी से निवेशकों की धारणा बदली है। सोने की मांग अनिश्चितता में सबसे अधिक होती है। जब बाजार से अनिश्चितता कम होने लगती है तो सोने की मांग कम हो जाती है। अब बाजार में अनिश्चितता कम हो रही है तो निवेशक सोने के अलावा दूसरे निवेश माध्यम में पैसा लगाएंगे। ये सारे फैक्टर्स सोने के भाव नीचे ले जाने का काम करेंगे।
- केंद्रीय बैंक की नीतियां: केंद्रीय बैंक की नीतियां और केंद्रीय बैंकों की ओर से खरीदारी सोने की कीमतों को बढ़ाने में मदद करती हैं। अब दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी कम कर रहे हैं। इससे सोने की मांग कम होगी जो कीमत को नीचे ला सकती है।
- मुद्रा की मजबूती: अन्य मुद्राओं के साथ अमेरिकी डॉलर के मूल्य में मजबूती सोने की कीमतों में गिरावट का कारण बन सकती है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो अन्य मुद्राओं का उपयोग करने वाले खरीदारों के लिए सोना अधिक महंगा हो जाता है, जिससे मांग में कमी आ सकती है।
- वैश्विक घटनाक्रम: भू-राजनीतिक तनाव, प्राकृतिक आपदाएं, महामारी आदि सोने की कीमतों में गिरावट को प्रभावित करती है। जब माहौल बेहतर होने लगता है सोने की कीमत स्थिर हो जाती है। कई बार गिरावट देखने को भी मिलता है।