Gold Market: कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण आई आर्थिक मंदी की चपेट से बाहर निकलकर भारत में दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में सोने की मांग पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 43 फीसदी बढ़ी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की हाल में आई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 2022 में भारत की दूसरी तिमाही में सोने की मांग का मूल्य (गोल्ड डिमांड वैल्यू) 79,270 करोड़ रुपये रही है, जो कि 2021 की दूसरी तिमाही (51,540 करोड़ रुपये) की तुलना में 54 प्रतिशत अधिक है।
सोने की मांग में वृद्धि इकोनॉमी के लिए अच्छी
2021 में दूसरी तिमाही (94 टन) की तुलना में 2022 की दूसरी तिमाही के लिए भारत में कुल आभूषण मांग 49 प्रतिशत बढ़कर 140.3 टन हो गई। विश्व स्तर पर आभूषण क्षेत्र में दूसरी तिमाही में सोने की मांग साल-दर-साल 4 प्रतिशत बढ़कर 453 टन हो गई, जिससे भारतीय मांग में सुधार हुआ है जो कि 2021 की दूसरी तिमाही की तुलना में 49 प्रतिशत अधिक है। भारत में मजबूत प्रदर्शन चीन में 28 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट को संतुलित करता है। एक तरफ जब बाजार कोविड लॉकडाउन के चलते बूरी तरह से प्रभावित हुआ। लोग खर्च पर लगाम लगाना शुरु कर दिए थे ऐसे में सोने की मांग में इतनी वृद्धि अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से अच्छी खबर है।
आगे और बढ़ेगी भारत में सोने की मांग
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल में भारत के CEO सोमसुंदरम पीआर ने कहा, "2022 की दूसरी तिमाही के लिए भारत की सोने की मांग ने पहली तिमाही में महामारी की वजह से पैदा हुई चिंता को पीछे छोड़ दिया है और त्योहारों और शादी की खरीदारी के चलते 43 प्रतिशत साल-दर-साल बढ़ते हुए 170.7 टन हो गया है। अक्षय तृतीया के साथ पारंपरिक शादी की खरीदारी से आभूषणों की मांग 49 प्रतिशत बढ़कर 140.3 टन हो गई है, हालांकि पिछले साल की दूसरी तिमाही के रूप में कम आधार पर कोविड की विनाशकारी दूसरी लहर से प्रभावित था। पहली छमाही की कुल आभूषण मांग 234 टन तक पहुंच गई, जो साल-दर-साल 6 फीसदी अधिक है। सोने का निवेश, यानि बार और सिक्के की दूसरी तिमाही में मांग 30 टन थी, जो साल-दर-साल 20 फीसदी अधिक है, जबकि 2022 में पहली छमाही की मांग साल-दर-साल 11 फीसदी मजबूत है।" भारत में अब त्योहार शुरु हो रहे हैं। ऐसे में सोने की खरीददारी में अभी और उछाल देखने को मिल सकता है।
दुनिया में घट रही सोने की मांग
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की नवीनतम गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट से पता चला है कि दूसरी तिमाही में वैश्विक सोने की मांग (ओटीसी को छोड़कर) साल-दर-साल 8 फीसदी घटकर 948 टन रही। वैश्विक स्तर पर गोल्ड बार और सिक्के की मांग साल-दर-साल स्थिर रही और दूसरी तिमाही में 245 टन रही। मांग में वृद्धि भारत, मध्य पूर्व और तुर्की में विशेष रुप से देखी गई है, जबकि चीन समेद दुनिया के कई देशों में सोने की खरीददारी में गिरावट आई है। इसका सबसे बड़ा कारण कोविड लॉकडाउन है।
सोने के दाम में और वृद्धि होने का अनुमान
उम्मीद जताई जा रही है कि मानसून और बढ़ती महंगाई के चलते सोने की कीमतों में उछाल देखा जा सकता है। बता दें कि सोने की कीमत 31 मार्च को 43,994 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जबकि 30 जून को यह 46,504 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इस समय सोने की कीमत 52,224 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जो आगे और बढ़ सकती है।
2022 की दूसरी तिमाही में भारत में रिसाइकल किया गया कुल सोना 18 फीसदी बढ़कर 23.3 टन हो गया था, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 19.7 टन था। तिमाही में आयात में भी 34 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि 170 टन रही, जबकि 2021 में इसी अवधि में 131.6 टन थी।
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