नवरात्रि में बहुत सारे लोग सोने की खरीदारी करते हैं। इस दौरान सोना खरीदना शुभ माना जाता है। भारतीय धर्मों में सोने का विशेष स्थान है। इसे संकट का साथी भी कहा जाता है। धार्मिक त्योहारों जैसे दीपावली, दशहरा के दौरान सोने के आभूषण खरीदने की परंपरा होती है। सोने को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं मानती हैं कि सोना खरीदने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में अगर आप सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें। ऐसा कर आप ठगी से बचेंगे भी और बाद में टेंशन भी नहीं होगी।
हॉलमार्क के बिना ज्वैलरी नहीं खरीदें
सोना खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि उसपर हॉलमार्क लगा हो। अब देशभर में हॉलमार्क अनिवार्य है। ज्वैलर्स को सोने के गहने बेचने के लिए बीआईएस स्टैंडर्ड के मानकों का पालन करना जरूरी है। देश में केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने हॉलमार्क वाले गहनों को बेचने का नियम है। ज्वैलरी पर बीआईएस का तिकोना हॉलमार्क देखें। इतना ही नहीं आप 6 अंकों का हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर भी चेक कर सकते हैं। इसके अलावा आपको यह भी पता होना चाहिए कि कितने कैरेट के लिए क्या नंबर होते हैं। इस तरह आप सही सोना खरीद पाएंगे।
बिल लेना बिल्कुल नहीं भूलें
ज्वैलरी हॉलमार्क वाला लेने के साथ खरीद का प्रामाणिक बिल प्राप्त करें। बिल में प्रत्येक वस्तु का विवरण, कीमती धातु का शुद्ध वजन, कैरेट में शुद्धता और हॉलमार्किंग शुल्क की आवश्यकता होनी चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो ठगी के बच जाएंगे और बाद में परेशान भी नहीं होना होगा।
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