सोना आज 1,070 रुपये हुआ महंगा, जानें 22 और 18 कैरेट ज्वेलरी की लेटेस्ट रेट
चांदी की कीमत भी 1,120 रुपये की तेजी के साथ 78,570 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में यह 77,450 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में उछाल आने से राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का भाव 1,070 रुपये के उछाल के साथ 68,420 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 67,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। ऐसे में अगर आप सोने के गहने खरीदने जा रहे हैं तो आपसे ज्वैलर्स 22 कैरेट और 18 कैरेट की ज्वेलरी का क्या चार्ज लेगा? आज के भाव से बता दें कि अगर 22 कैरेट में सोने की ज्वैलरी खरीदेंगे तो ज्वैलर 63,750 रुपये प्रति 10 ग्राम का भाव लेगा। वहीं, 18 कैरेट में लेंगे तो वह 52,160 रुपये प्रति 10 ग्राम का भाव लेगा।
चांदी की कीमत भी 1,120 रुपये की तेजी
चांदी की कीमत भी 1,120 रुपये की तेजी के साथ 78,570 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में यह 77,450 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती के करीब पहुंच रहा है जिससे सर्राफा कीमतों में बढ़ोतरी को रफ्तार मिल रही है। ‘‘इसके अतिरिक्त चीन की मजबूत मांग भी सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण बन रही है।’’ इस बीच, एमसीएक्स के वायदा कारोबार में सोने के जून अनुबंध का भाव 978 रुपये चढ़कर 68,679 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। चांदी के मई अनुबंध का भाव 763 रुपये की तेजी के साथ 75,811 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया।
विदेशी मार्केट में भी बड़ा उछाल
विदेशी बाजार कॉमेक्स में हाजिर सोने की कीमतें 2,265.73 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस तक चढ़ गईं और अंतिम बार इसका भाव 2,257.10 डॉलर प्रति औंस बोला गया। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में ईबीजी-जिंस एवं मुद्रा शोध विभाग के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, ‘‘विदेशी वायदा में सोना 2,280 डॉलर प्रति औंस से ऊपर और एमसीएक्स वायदा में 69,487 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया है, क्योंकि अमेरिकी वृद्धि के आंकड़े उम्मीद से बेहतर हैं और मुद्रास्फीति 2.5 प्रतिशत से ऊपर है, जो फेडरल रिजर्व की जून बैठक में ब्याज दर में अपेक्षित कटौती के बारे में चिंता पैदा करता है।’’