कोविड-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, गाजा में युद्ध और अमेरिका-चीन व्यापार विवाद के बीच ग्लोबलाइजेशन 2022 में पिछले दशक की तुलना में रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया और 2023 में भी यह ऊंचे स्तर पर बना हुआ है। एक रिपोर्ट में बुधवार को यह बात कही गई है। डीएचएल और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा जारी ‘न्यू डीएचएल ग्लोबल कनेक्टेडनेस रिपोर्ट-2024’ में यह भी कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार वाले वैश्विक उत्पादन का हिस्सा 2022 में रिकॉर्ड उच्चस्तर पर फिर वापस आ गया है।
इस साल व्यापार में ग्रोथ आने का अनुमान
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में सुस्ती के बाद 2024 में व्यापार वृद्धि में तेजी आने का अनुमान है। व्यापार वृद्धि ने संपर्क को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रिपोर्ट में व्यापार के प्रवाह, पूंजी, सूचना और लोगों की आवाजाही का आकलन किया गया है। यह दुनिया के 181 देशों और क्षेत्रों के वैश्वीकरण को मापती है। पिछले दो दशक में सूचना प्रवाह के वैश्वीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, भले ही ताजा आंकड़े इनकी वृद्धि में सुस्ती के रुख को दिखाते हैं। इसकी वजह अमेरिका और चीन के बीच अनुसंधान को लेकर कम सहयोग है।
बढ़ रहा कॉरपोरेट ग्लोबलाइजेशन
रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट ग्लोबलाइजेशन बढ़ रहा है। कंपनियां अपनी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ा रही हैं और विदेशों में अधिक बिक्री कारोबार अर्जित कर रही हैं। डीएचएल एक्सप्रेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी जॉन पियर्सन ने कहा, ‘‘डीएचएल ग्लोबल कनेक्टेडनेस रिपोर्ट’ के हालिया निष्कर्ष स्पष्ट रूप से वैश्वीकरण के रुख के पलटने की धारणा को खारिज कर देते हैं। आज ग्लोबलाइजेशन सिर्फ चर्चा का कारण नहीं है, बल्कि एक प्रभावशाली शक्ति है, जिसने हमारी दुनिया को गहराई से नया आकार दिया है और इसमें और भी बड़ी संभावनाएं हैं।’’
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