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वर्ल्ड बैंक ने कहा- लगातार तीसरे साल नरम रहेगी ग्लोबल इकॉनमी, US-चीन सबकी गिरेगी ग्रोथ, कर्ज के जाल में फंसेंगे गरीब देश

साल 2024 में लगातार तीसरे साल वैश्विक इकॉनमी धीमी रह सकती है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है। इससे गरीब देशों के कर्ज के जाल में फंसने की आशंका है। चीनी अर्थव्यवस्था में गिरावट से भी ग्लोबल इकॉनमी पर काफी असर पड़ा है।

ग्लोबल इकॉनमी- India TV Paisa Image Source : FREEPIK ग्लोबल इकॉनमी

वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 2024 में लगातार तीसरे वर्ष धीमी रहेगी। इसका कारण उच्च ब्याज दर, महंगाई अधिक रहना, व्यापार में नरमी के साथ चीन में सुस्ती है। यह बात विश्व बैंक ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कही। इसमें कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस वर्ष केवल 2.4 प्रतिशत रहेगी। यह 2023 में 2.6 प्रतिशत, 2022 में 3.0 प्रतिशत और 2021 में 6.2 प्रतिशत थी। साल 2021 में मजबूत ग्रोथ का कारण 2020 की महामारी के बाद तेजी से हुई इकोनॉमिक रिकवरी थी।

कर्ज के जाल में फंसेंगे गरीब देश

इजराइल -हमास युद्ध और यूक्रेन में लड़ाई से उत्पन्न वैश्विक तनाव से इस कमजोर ग्रोथ अनुमान को भी जोखिम है। वर्ल्ड बैंक के अधिकारियों ने इस बात पर चिंता जतायी कि कर्ज में डूबे गरीब देश जलवायु परिवर्तन और गरीबी से निपटने के लिये जरूरी निवेश करने में सक्षम नहीं होंगे। विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल ने बयान में कहा, ‘निकट भविष्य में ग्रोथ रेट कमजोर रहेगी। इससे कई विकासशील देश खासकर गरीब मुल्क कर्ज के जाल में फंसेगे। कर्ज का स्तर चरमरा जाएगा और हर तीन में से एक व्यक्ति के लिए भोजन तक पहुंच कठिन होगा।

आईं कई चुनौतियां

रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था ने एक के बाद एक झटके के सामने आश्चर्यजनक रूप से मजबूती दिखायी है। महामारी, यूक्रेन पर रूस का आक्रमण, वैश्विक मुद्रास्फीति का लंबे समय तक बने रहना और मूल्य वृद्धि को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्रीय बैंकों द्वारा नीतिगत दर में बढ़ोतरी से ग्रोथ पर असर पड़ा है। लेकिन इन सबके बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था 2023 में जून में की गई भविष्यवाणी की तुलना में आधा प्रतिशत अधिक तेजी से बढ़ी है। साथ ही वैश्विक मंदी का जो खतरा था, वह कम हुआ है।

अमेरिका की ग्रोथ रेट में गिरावट की आशंका

विश्व बैंक के अनुसार, अमेरिकी की ग्रोथ रेट 2023 में 2.5 प्रतिशत रही। यह पिछले साल के मध्य में जताये गये अनुमान से 1.4 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी की ग्रोथ रेट इस साल घटकर 1.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसका कारण यह है कि उच्च ब्याज दर से कर्ज और खर्च कम हुआ है। अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने महंगाई को काबू में लाने को लेकर मार्च, 2022 से नीतिगत दर (प्रमुख ब्याज दर) में 11 बार वृद्धि की है।

चीनी इकॉनमी में गिरावट से दुनियाभर में असर

अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की ग्रोथ रेट इस साल 4.5 प्रतिशत और 2025 में 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह पिछले साल के 5.2 प्रतिशत के अनुमान से कम है। चीन की अर्थव्यवस्था दशकों से वैश्विक विकास का प्रमुख इंजन रही है। लेकिन हाल के वर्षों में स्थिति कुछ बिगड़ी है। इसका प्रोपर्टी मार्केट ढहने से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। साथ ही बेरोजगारी बढ़ने से उपभोक्ताओं की धारणा कमजोर हुई है। वहां की आबादी बुजुर्ग हो रही है, जिससे इसकी विकास क्षमता कम हो रही है। चीन में धीमी ग्रोथ से कोयला उत्पादक दक्षिण अफ्रीका और तांबा निर्यातक चिली जैसे विकासशील देशों को नुकसान होने की आशंका है। ये देश चीनी बाजार को वस्तुओं की आपूर्ति करते हैं।

आधी रह सकती है जापान की ग्रोथ रेट

विश्व बैंक के अनुसार, यूरो मुद्रा साझा करने वाले 20 यूरोपीय देशों की ग्रोथ रेट इस साल 0.7 प्रतिशत रहेगी। यह पिछले साल 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में थोड़ा अधिक है। वहीं, जापान की आर्थिक वृद्धि दर केवल 0.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2023 के मुकाबले आधी है।

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