अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने मंगलवार को चेताया कि ऊंची ब्याज दरों, यूक्रेन में चल रहे युद्ध और बढ़ते भूराजनीतिक तनाव के चलते वर्ल्ड इकोनॉमी (Global economy) अपनी गति खो रही है। आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि धीमी होकर 2.9 प्रतिशत रह जाएगी। भाषा की खबर के मुताबिक, आईएमएफ ने हालांकि इस साल इसकी रफ्तार तीन प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है। अगले साल के लिए पूर्वानुमान जुलाई में अनुमानित तीन प्रतिशत से कम है।
आर्थिक उत्पादन में आई कमी
खबर के मुताबिक, यह सुस्ती ऐसे समय में आई है, जब दुनिया विनाशकारी कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पूरी तरह उबर नहीं पाई है। महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले सहित कई झटकों के चलते पिछले तीन सालों में दुनियाभर के आर्थिक उत्पादन में कोविड-पूर्व रुझानों की तुलना में लगभग 3,700 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आई है। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरीचस ने इस सप्ताह मोरक्को के माराकेच में आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठक से पहले कहा कि पंगु पड़ी विश्व अर्थव्यवस्था अपनी गति खो रही है।
विश्व अर्थव्यवस्था ने जुझारू क्षमता दिखाई
गौरीचस ने हालांकि कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था (Global economy) ने उल्लेखनीय जुझारू क्षमता दिखाई है, खासतौर से ऐसे वक्त में जब अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (federal Reserve) और दुनियाभर के दूसरे केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। खराब अर्थव्यवस्था के चलते दुनियाभर में महंगाई काफी ऊंचे लेवल पर पहुंच गई है। दुनिया के ऐसे कई देश हैं जहां खाद्य महंगाई दर चरम से भी आगे पहुंच सके हैं। दुनिया में वेनेजुएला एक ऐसा देश बन गया है जहां खाद्य महंगाई 400 प्रतिशत से भी ज्यादा का लेवल पार कर चुका है।
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