नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय हाइड्रोजन नीति के पहले हिस्से को पेश किया। इसमें विभिन्न रियायतों समेत हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिये नवीकरणीय ऊर्जा कहीं से भी और किसी से भी लेने की अनुमति होगी। बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि नीति से कार्बन-मुक्त हरित हाइड्रोजन की उत्पादन लागत को कम करने में मदद मिलेगी।
नीति के तहत कंपनियों को स्वयं या अन्य इकाई के माध्यम से सौर या पवन ऊर्जा जैसे नवीकणीय स्रोतों से बिजली पैदा करने को लेकर क्षमता स्थापित करने की आजादी होगी। हरित हाइड्रोजन उत्पादकों के लिये अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क से छूट मिलेगी। आवेदन देने के 15 दिन के भीतर हाइड्रोजन उत्पादकों को खुली पहुंच की अनुमति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि नीति के तहत सरकार कंपनियों को वितरण कंपनियों के पास उत्पादित अतिरिक्त हरित हाइड्रोजन को 30 दिन तक रखने की अनुमति देगी।
जरूरत पड़ने पर वे इसे वापस ले सकते हैं। यह छूट उन परियोजनाओं के लिये होगी जो 30 जून, 2025 से पहले लगायी जाएंगी। सिंह के अनुसार, हरित हाइड्रोजन उत्पादकों और नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों को ग्रिड से ‘कनेक्टविटी’ प्राथमिक आधार पर दी जाएगी ताकि प्रक्रिया संबंधी कोई देरी नहीं हो।
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