पिछले दिनों वेदांता और फॉक्सकॉन द्वारा गुजरात में सेमीकंडक्टर चिप बनाने का कारखाना लगाने की घोषणा क्या हुई महाराष्ट्र में मानो बवाल मच गया। दरअसर यह कारखाना पहले महाराष्ट्र में लगना था। दो बीजेपी शासित राज्यों में हुए इस झगड़े पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुटकी लेते हुए कह दिया है कि आप राजस्थान में कारखाना लगाइए, झगड़ा खुद ब खुद खत्म हो जाएगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वेदांता समूह को सेमीकंडक्टर चिप बनाने का कारखाना राजस्थान में लगाने के लिये शुक्रवार को आमंत्रित करते हुए कहा कि इससे गुजरात और महाराष्ट्र के बीच जारी विवाद भी खत्म हो जाएगा। गहलोत ने यहां आयोजित 'निवेश राजस्थान' सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान कहा कि इस सेमीकंडक्टर कारखाने को गुजरात ले जाने पर महाराष्ट्र में आंदोलन हो रहा है।
क्या कहा गहलोत ने
वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल की मौजूदगी में गहलोत ने कहा, ‘‘गुजरात में सेमीकंडक्टर कारखाना लगाने को लेकर महाराष्ट्र में आंदोलन जारी है। अखबारों में काफी कुछ आ रहा है।’’ उन्होंने अग्रवाल की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘आप चर्चा में हैं। आप एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये का सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र लगा रहे हैं। यह एक बड़ा निवेश है। कोविड महामारी के बीच चीन से आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने से चिप की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान आपका राज्य है। आप इसका ध्यान भी रखते हैं। यहां से तेल भी निकाल रहे हैं। खनिज के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।’’
हो जाएगा झगड़े का अंत
गहलोत ने कहा, ‘‘ इस कारखाने को लेकर महाराष्ट में आंदोलन चल रहा है। मैं कहना चाहूंगा कि गुजरात और महाराष्ट्र का झगड़ा है तो कारखाना राजस्थान में लगाइये। आप झगड़े को खत्म कीजिए। चिप की आपूर्ति के साथ काफी लोगों को रोजगार मिलेगा।’’ दरअसल पहले यह संयंत्र महाराष्ट्र में स्थापित किए जाने की चर्चाएं थीं। लेकिन वेदांता समूह ने बाद में इसे गुजरात में स्थापित करने की घोषणा की जिसके बाद महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने कई सवाल उठाए हैं।
राजस्थान बन सकता है इलेक्ट्रॉनिक्स हब
इस निवेश सम्मेलन को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा कि पड़ोसी राज्य गुजरात में लगने वाला वेदांता और फॉक्सकान का संयुक्त सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र राजस्थान के लिए भी काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह संयंत्र लगने से चिप के इस्तेमाल वाले तैयार उत्पादों की लागत काफी कम हो जाएगी और राजस्थान में टेलीविजन, मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के कारखानों का संकुल लगाया जा सकता है।
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