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Hindi News पैसा बिज़नेस गौतम अदानी ने कहा- भारत का भविष्य गढ़ने में इन्फ्रास्ट्रक्चर की होगी बड़ी भूमिका, दिया इन बातों पर जोर

गौतम अदानी ने कहा- भारत का भविष्य गढ़ने में इन्फ्रास्ट्रक्चर की होगी बड़ी भूमिका, दिया इन बातों पर जोर

अदानी ने कहा कि अगले दशक में हम ऊर्जा परिवर्तन के क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करेंगे और अपनी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा मूल्य सीरीज का और विस्तार करेंगे। गौतम अदानी ने कहा कि बीते 30 वर्षों में हमने काफी कुछ हासिल किया है।

क्रिसिल द्वारा बुधवार को मुंबई में आयोजित 'इन्फ्रास्ट्रक्चर - भारत के भविष्य के लिए उत्प्रेरक' कार्य- India TV Paisa Image Source : CRISIL क्रिसिल द्वारा बुधवार को मुंबई में आयोजित 'इन्फ्रास्ट्रक्चर - भारत के भविष्य के लिए उत्प्रेरक' कार्यक्रम में संबोधित करते अदानी समूह के चेयरमैन गौतम अदानी।

अदानी समूह के चेयरमैन, गौतम अदानी ने बुधवार को क्रिसिल द्वारा आयोजित 'इन्फ्रास्ट्रक्चर - भारत के भविष्य के लिए उत्प्रेरक' कार्यक्रम में कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर की भूमिका देश की अर्थव्यवस्था में बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य गढ़ने में इन्फ्रास्ट्रक्चर आने वाले समय में बड़ी भूमिका निभाएगा। अदानी ने कहा कि कहा जाता है कि कल की कहानियां आने वाले कल का खाका होती हैं। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि हमें बस पीछे मुड़कर देखना है कि किसी देश के इतिहास में सबसे प्रभावशाली समय वे रहे हैं जब वे बुनियादी ढांचे के परिदृश्य पर हावी थे।

भारत का बुनियादी ढांचा उद्योग एक आश्चर्यजनक बदलाव से गुजर रहा

खबर के मुताबिक, अदानी ने कहा कि बुनियादी ढांचा यानी इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए मौलिक है। मैं बहुत विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आज जब हम यहां खड़े हैं, तो भारत का बुनियादी ढांचा उद्योग एक आश्चर्यजनक बदलाव से गुजर रहा है, जिसका प्रभाव हम एक दशक बाद पीछे मुड़कर देखने पर पूरी तरह से समझ पाएंगे। हमने पहले कभी नहीं देखा गया एक बुनियादी ढांचा पूंजीगत व्यय चक्र शुरू किया है, और यह भारत के विकास के कई दशकों की नींव रखता है।और यह शासन की गुणवत्ता से शुरू होता है।

बीते तीन दशकों में हमारी जीडीपी 14 गुना बढ़ी

उन्होंने कहा कि साल 1991 के आर्थिक उदारीकरण के दौर से पहले के तीन दशकों में भारतीय जीडीपी 7 गुना बढ़ी, जबकि उदारीकरण के बाद के तीन दशकों में, हमारी जीडीपी 14 गुना बढ़ी। उदारीकरण की शक्ति पर इन नतीजों से बेहतर कोई मान्यता नहीं हो सकती। लाइसेंस राज के दौरान, भारत के व्यापार परिदृश्य पर कुछ स्थापित व्यावसायिक घरानों का वर्चस्व था, जिन्होंने सरकार के साथ मजबूत संबंध विकसित करके भारी विनियमित वातावरण को नेविगेट किया। उन्होंने लाइसेंसिंग जरूरतों को सख्ती से प्रबंधित किया।

30 साल में हमने काफी कुछ हासिल किया

गौतम अदानी ने कहा कि बीते 30 वर्षों में हमने काफी कुछ हासिल किया है। हमने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सौर ऊर्जा कंपनी बने। हमारे पास भारत की सबसे बड़ी हवाई अड्डा संचालक कंपनी है, जिसकी यात्री यातायात में 25% और एयर कार्गो में 40% हिस्सेदारी है। साथ ही भारत की सबसे बड़ी बंदरगाह और रसद कंपनी है, जिसकी राष्ट्रीय बाजार हिस्सेदारी 30% है। भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कंपनी है, जो उत्पादन, पारेषण और वितरण, एलएनजी और एलपीजी टर्मिनलों और शहरी गैस और पाइप गैस वितरण में फैली हुई है। हम भारत की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी हैं। इसके अलावा भी हम धातु, पेट्रोकेमिकल्स, एयरोस्पेस और रक्षा, सुपर ऐप और औद्योगिक क्लाउड सहित कई दूसरे नए क्षेत्र में हम आगे बढ़े हैं।

100 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश इसमें करेगी कंपनी

अदानी ने कहा कि अगले दशक में हम ऊर्जा परिवर्तन के क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करेंगे और अपनी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा मूल्य सीरीज का और विस्तार करेंगे, जो आज हरित ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक प्रत्येक प्रमुख घटक के विनिर्माण तक फैली हुई है। हमें विश्वास है कि हम विश्व में सबसे कम खर्चीले हरित इलेक्ट्रॉन का उत्पादन करेंगे, जो कई क्षेत्रों के लिए फीडस्टॉक बन जाएगा, जिन्हें स्थिरता के अधिदेश को पूरा करना होगा।

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