सरकार के महारत्नों में शामिल गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड यानि गेल के कायाकल्प की तैयारियां शुरू हो गई है। गेल इंडिया लिमिटेड अपनी शेयर पूंजी को दोगुना करने के साथ-साथ अपने कारोबार में विशेष रसायन और क्लीन एनर्जी जोड़ने की योजना बना रही है। इसके साथ सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनी प्राकृतिक गैस ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन के अलावा कारोबार में विविधता लाना चाहती है।
गेल ने अगले तीन से चार साल में अपनी विस्तार योजनाओं के तहत वित्त जुटाने के लिए कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी को मौजूदा 5,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये करने को लेकर शेयरधारक की मंजूरी मांगी है। कंपनी दरअसल एक राष्ट्रीय गैस ग्रिड बनाने के साथ-साथ शहरी गैस वितरण का विस्तार करने के लिए प्राकृतिक गैस ट्रक पाइपलाइन बिछा रही है।
गेल ने साथ ही सरकार के लक्ष्य के तहत प्राथमिक ऊर्जा क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 2030 तक 15 प्रतिशत तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने शेयरधारकों को भेजे नोटिस में कहा, ‘‘कंपनी की अगले तीन से चार साल में लगभग 30,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना है। इन परियोजनाओं को आंशिक रूप से आंतरिक संसाधनों के माध्यम से और आंशिक रूप से ऋण के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा। इसमें इक्विटी का रास्ता भी शामिल हो सकता है।’’
इसके अलावा कंपनी अपने शेयरधारकों को बोनस इक्विटी शेयर जारी करने पर भी विचार कर सकती है। देश की सबसे बड़ी सार्वजानिक क्षेत्र की प्राकृतिक गैस प्रसंस्करण और वितरण कंपनी नए कारोबारी क्षेत्रों में उतरने के लिए कंपनी के गठन के नियम एवं शर्तों (एमओए) में संशोधन करना चाहती है।
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