नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम गेल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) मनोज जैन ने कहा कि कंपनी कश्मीर घाटी तक पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक गैस ले जाने के लिए श्रीनगर में एक पाइपलाइन बिछाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि गैर आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार तेजी से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गेल मई 2023 तक मुंबई से नागपुर के लिए 700 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा कर लेगी, जिसके मध्य भारत में गैस की सप्लाई हो सकेगी। उन्होंने बताया कि महत्वाकांक्षी ऊर्जा गंगा परियोजना के बड़े हिस्से को तय कार्यक्रम के अनुरूप 2022 के मध्य तक पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना से पूर्वी भारत ऊर्जा मानचित्र पर आ जाएगा। भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 2030 तक 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य तय किया है।
जैन ने एक साक्षात्कार में बताया, "हम 425 किलोमीटर लंबी गुरुदासपुर (पंजाब में) से जम्मू के रास्ते श्रीनगर तक पाइपलाइन बिछाने के लिए नियामक (पीएनजीआरबी) से मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया में हैं।" दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र और काफी कम ग्राहकों के कारण इस परियोजना के लिए सरकार से व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण की जरूरत है। उन्होंने कहा, "यह परियोजना 3-4 साल में पूरी हो जाएगी।"
इसके साथ ही तेल मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर सरकार से कहा है कि ईंधन की लागत कम रखने के लिए प्राकृतिक गैस पर वैट न लगाया जाए। गेल मुंबई से झारसुगुडा (ओडिशा) होते हुए नागपुर और छत्तीसगढ़ के रायपुर तक 1,405 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछा रहा है। जैन ने कहा, "नागपुर तक का खंड मई 2023 तक चालू हो जाएगा और शेष हिस्सा अगले दो वर्षों में पूरा हो जाएगा।
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