भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर जल्द बन सकती है सहमति, Britain के प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिए ये संकेत
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ की ओर से कहा गया है कि भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौत पर तेजी से काम हो रहा है।
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जल्द सहमति बन सकती है। दोनों देशों में इस अहम मुद्द को लेकर लंबे समय से बात चल रही है। अब भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बाद यह उम्मीद बढ़ गई है कि यह समझौता जल्द हो सकता है। इसके संकेत ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले भी हैं। दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कहा कि नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक बैलेंस समझौते को लेकर प्रतिबद्ध हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ ने कहा कि पूरा ध्यान एक संतुलित व्यापार समझौते पर है जो दोनों पक्षों के लिए लाभदायक हो। एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष इसे लेकर प्रतिबद्ध हैं, अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग के नेतृत्व में गहन बातचीत चल रही है। इसमें आगे कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री सुनक की पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी से बहुत ही गर्मजोशी भरी बातचीत हुई। हम गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं करेंगे। एक संतुलित समझौता होने पर हम हस्ताक्षर करेंगे, ऐसा समझौता जो दोनों पक्षों के हित में हो। हालांकि दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता कायम है।
प्रधानमंत्री मोदी और सुनक वर्ता के बाद तेजी
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऋषि सुनक के बीच बातचीत में दोनों नेता एक व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के महत्व पर सहमत हुए थे। मोदी ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी थी। मोदी ने कहा था कि एक व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के महत्व पर भी वह और सुनक सहमत हुए। सुनक ने मोदी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ब्रिटेन और भारत बहुत कुछ साझा करते हैं। हम जब अपने सुरक्षा, रक्षा एवं आर्थिक साझेदारी को गहरा करने में लगे हैं, ऐसे में आने वाले वर्षों और महीनों में हमारे दो महान लोकतांत्रिक देश क्या कुछ हासिल कर सकते हैं, इसे लेकर मैं उत्साहित हूं। गौरतलब है कि भारत और ब्रिटेन ने इस साल जनवरी में एफटीए के लिए बातचीत शुरू की थी और दीपवाली तक बातचीत को पूरा करने का अनौपचारिक लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, कई मुद्दों पर आम सहमति की कमी के कारण समयसीमा चूक गई। सुनक हाल ही में भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते यानि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के समर्थक रहे हैं। इस समझौते का उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देने के अलावा, वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को उदार बनाना और सीमा शुल्क को कम करना है।
ब्रिटेन कर रहा है काम
हाल ही में ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार सचिव ग्रेग हैंड्स ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार सचिव ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि भारत के साथ एफटीए मुद्दे पर हमने पहले ही ज्यादातर बातचीत को पूरा कर लिया है और जल्द ही अगले दौर की वार्ता शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘एक मजबूत एफटीए ब्रिटेन और भारत के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत कर सकता है। यह वर्ष 2035 तक ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को तीन अरब पाउंड से अधिक करने के साथ परिवारों और समुदायों की मदद कर सकता है।’’ हैंड्स ने कहा कि एफटीए ब्रिटेन की कंपनियों के लिए भारत के गतिशील बाजार में बिक्री को सस्ता बना सकता है। इससे आर्थिक वृद्धि को गति देने और हर देश एवं क्षेत्र में नौकरियों का समर्थन करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि भारत निश्चित रूप से एक ‘आर्थिक महाशक्ति’ है, जिसका वर्ष 2050 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने का अनुमान है।