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Franklin Templeton ने भारत छोड़ने की खबर को बिल्कुल बेबुनियाद बताया, कही ये बातें

Franklin Templeton के पास 20 लाख निवेशकों की 56,000 करोड़ रुपये की प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां हैं और इसका परिचालन बेहद मुनाफे में चल रहा है।

Franklin Templeton- India TV Paisa Image Source : FILE Franklin Templeton

Highlights

  • हम भारत छोड़कर नहीं जा रहे हैं
  • कंपनी ब्रांड को नए सिरे से खड़ा करेगी
  • कंपनी के पास 20 लाख निवेशक

Franklin Templeton: परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी फ्रैंकलिन टेंपलटन ने भारत छोड़ने की खबरों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि वह मुश्किलों से घिरे अपने ब्रांड को नए सिरे से खड़ा करेगी। कंपनी की भारतीय इकाई के अध्यक्ष अविनाश सतवालेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, मैं यह साफतौर पर कह सकता हूं कि हम भारत छोड़कर नहीं जा रहे हैं। भारत से जाना मूर्खतापूर्ण कदम होगा। हालांकि, सतवालेकर ने यह स्वीकार किया कि कई दूसरी विदेशी कंपनियों के भारतीय बाजार से निकलने के बाद फ्रैंकलिन टेंपलटन के भी भारत से निकलने की अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन उन्होंने यह साफ किया कि कंपनी की ऐसी कोई योजना नहीं है।

कंपनी मुनाफे में चल रही

उन्होंने कहा कि भारत में 26 साल से मौजूद कंपनी के पास 20 लाख निवेशकों की 56,000 करोड़ रुपये की प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां हैं और इसका परिचालन बेहद मुनाफे में चल रहा है। बाजार नियामक सेबी ने कंपनी पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। कंपनी ने अप्रैल, 2020 में अपनी छह योजनाओं को बंद कर दिया था। इन योजनाओं में तीन लाख निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपये जमा थे। इस आदेश के खिलाफ कंपनी ने प्रतिभूति अपीलीय अधिकरण (सैट) में अपील की हुई है। सतवालेकर ने कहा कि वह कंपनी के ब्रांड को नए सिरे से खड़ा करेंगे। इसके लिए सभी संबद्ध पक्षों से संपर्क साधा जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी अगले छह-12 महीनों में नियमित रूप से उत्पाद पेश करेगी।

छह स्कीम को बंद किया था

फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड ने इससे पहले छह स्कीम को बंद करने का ऐलान किया था। कंपनी ने कहा था कि उसके पास छह बंद हो चुकीं ऋण योजनाओं के पास यूनिटधारकों को बांटने के लिए 231.13 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध है। अभी तक इस म्यूचुअल फंड कंपनी ने इन छह योजनाओं के तहत 26,098 करोड़ रुपये वितरित किए हैं । फ्रैंकलिन टेंपलटन ने 23 अप्रैल, 2020 में इन योजनाओं को बंद कर दिया था। फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष संजय सप्रे ने एक पत्र में निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि छह में से पांच योजनाओं के एयूएम कर 100 प्रतिशत से अधिक लौटाया जा चुका है। उन्होंने कहा था कि बाकी प्रतिभूतियों को भुनाने की कोशिश बदस्तूर जारी है और एएमसी अदालत से नियुक्त परिसमापक की तरफ से चलाई जा रही मौद्रीकरण प्रक्रिया को समर्थन देना जारी रखे हुए है।

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