यूपी में बनेगा सेमीकंडक्टर, Foxconn-HCL JV लगाएगी प्लांट, यहां अलॉट हुई 30 एकड़ जमीन
उत्तर प्रदेश स्थित मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स अब भारत में बनने वाले 55% से अधिक मोबाइल और सभी मोबाइल कंपोनेंट्स के आधे से अधिक का उत्पादन कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर यूनिट (Semiconductor Unit) लगने वाली है। फॉक्सकॉन (Foxconn) और एचसीएल ग्रुप (HCL Group) के जॉइंट वेंचर को उत्तर प्रदेश के नोएडा में जेवर एयरपोर्ट के पास लगभग तीस एकड़ जमीन आवंटित की गई है। यह जमीन सेमीकंडक्टर आउटसोर्स असेंबली और टेस्टिंग (OSAT) यूनिट स्थापित करने के लिये आवंटित हुई है। ईटी की एक रिपोर्ट में मामले से जुड़े लोगों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में लगने वाले इस प्लांट को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलती है, तो यह उत्तर प्रदेश में आने वाला पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा।
फॉक्सकॉन करेगी 37.2 मिलियन डॉलर का निवेश
फॉक्सकॉन इस जॉइंट वेंचर में करीब 37.2 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा। इसकी जॉइंट वेंचर में 40% इक्विटी हिस्सेदारी है। इसने मेज्योरिटी पार्टनर एचसीएल ग्रुप को यूनिट की जगह तय करने की अनुमति दी है। रिपोर्ट में एक सूत्र ने कहा, "एचसीएल ने कहा कि उसे उत्तर प्रदेश पसंद है, क्योंकि उसका मुख्यालय नोएडा में है और इसे एक मजबूत होम बेस लाभ होगा। कंपनी ने जोर दिया कि राज्य में उसकी मजबूत स्थिति है और इससे प्रबंधन आसान हो जाएगा।" एचसीएल और फॉक्सकॉन ने अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा है।
टाटा असम में लगाएगा यूनिट
दूसरी तरफ टाटा ग्रुप असम में सेमीकंडक्टर आउटसोर्स असेंबली और टेस्टिंग (OSAT) यूनिट स्थापित करने वाला है। वहीं, ग्रुप की सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट गुजरात में आने वाली है। गुजरात में सीजी पावर की ओएसएटी फैसिलिटी और माइक्रोन की पैकेजिंग यूनिट भी लगनी है।
यूपी में तेजी से बढ़ा मोबाइल प्रोडक्शन
बुधवार को सेमीकॉन इंडिया 2024 के उद्घाटन सत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनके राज्य में स्थित मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स अब भारत में बनने वाले 55% से अधिक मोबाइल और सभी मोबाइल कंपोनेंट्स के आधे से अधिक का उत्पादन कर रही हैं। एचसीएल ग्रुप-फॉक्सकॉन जॉइंट वेंचर अभी भी इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन, आईएसएम से अप्रूवल की प्रतीक्षा कर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि आईएसएम ने दोनों कंपनियों को ओएसएटी के लिए एक टेक्नोलॉजी डॉक्यूमेंट या टेक्निकल एग्रीमेंट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। आईएसएम ने कहा कि जव वे ये डॉक्यूमेंट सबमिट कर देंगे, तो 2 या 3 सप्ताह में अप्रूवल मिल जानी चाहिए।