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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत में ऐसे ही बड़ा निवेश नहीं कर रहें विदेशी निवेशक, अब सामने आई यह दमदार वजह, जानकर आप भी हो जाएंगे खुश!

भारत में ऐसे ही बड़ा निवेश नहीं कर रहें विदेशी निवेशक, अब सामने आई यह दमदार वजह, जानकर आप भी हो जाएंगे खुश!

वुल्फ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कभी प्रतिबंधित रहे नरेन्द्र मोदी का वॉशिंगटन में गर्मजोशी से स्वागत किया। पेरिस में इमैनुएल मैक्रों ने भी भारतीय नेता को उतनी ही गर्मजोशी से गले लगाया।

पीएम नरेन्द्र मोदी- India TV Paisa Image Source : PTI पीएम नरेन्द्र मोदी

भारत में विदेशी निवेशक लगातार बड़ा निवेश कर रहे हैं। कई लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है। लेकिन अब इसका कारण पता चल गया है। मशहूर अर्थशास्त्री और टिप्पणीकार मार्टिन वुल्फ ने इस पर से पर्दा हटाया है। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में ‘तेजी से बढ़ती एक बड़ी ताकत’ बनने की ओर अग्रसर है और 2050 तक इसका आकार अमेरिका के बराबर होगा। वुल्फ ने इसके साथ ही कहा कि पश्चिमी देशों नेता सोच-विचारकर भारत पर दांव लगा रहे हैं।

पीएम नरेन्द्र मोदी का गर्मजोशी से दुनिया में हो रहा स्वागत 

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक देश की जनसंख्या 1.67 अरब पर पहुंच जाएगी। अभी भारत की आबादी 1.43 अरब है। वुल्फ ने कहा कि देश के बैंकों का बही-खाता बेहतर हो गया है। ऋण वृद्धि भी अब बेहतर आकार ले रही है। उन्होंने लिखा कि आगामी दशकों में देश की अर्थव्यवस्था और आबादी दोनों तेजी से बढ़ेंगी। इससे भारत, चीन को टक्कर देगा। भारत के पश्चिमी देशों के साथ भी अच्छे संबंध हैं, जो अच्छी चीज है। वुल्फ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कभी प्रतिबंधित रहे नरेन्द्र मोदी का वॉशिंगटन में गर्मजोशी से स्वागत किया। पेरिस में इमैनुएल मैक्रों ने भी भारतीय नेता को उतनी ही गर्मजोशी से गले लगाया। यह एक ऐसे देश के साथ नजदीकी संबंधों को दर्शाता है जो चीन के लिए शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी साबित हो सकता है। 

‘चीन प्लस वन’ कंपनियों के लिए भारत पहली पसंद 

वुल्क ने ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ में लिखे लेख में कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि भारत 2050 तक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि को पांच प्रतिशत या इसके आसपास बनाए रख सकता है। बेहतर नीतियों से वृद्धि इससे ऊंची भी रह सकती है। हालांकि, यह कुछ कम भी रह सकती है।’’ उन्होंने कहा कि भारत ‘चीन प्लस वन’ रणनीति को अपनाने वाली कंपनियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है। बड़े घरेलू बाजार की वजह से इस मामले में अन्य प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में भारत लाभ की स्थिति में है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। क्रय शक्ति के मामले में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। 

भारत तेजी से बढ़ती ताकत 

उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह पश्चिमी ताकतों का अच्छा दांव है? हां, निश्चित रूप से भारत तेजी से बढ़ती ताकत है। उनके हितों में भी सामंजस्य है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2023 से 2028 तक वार्षिक आर्थिक वृद्धि छह प्रतिशत से कुछ अधिक रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद इससे लगभग एक प्रतिशत अंक कम की रफ्तार से बढ़ेगा। वुल्फ ने कहा कि यदि वैश्विक या घरेलू स्तर पर कोई बड़े झटके नहीं लगते हैं, तो यह वृद्धि पिछले तीन दशक के औसत के बराबर होगी। 

भारत एक युवा देश

भारत के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह एक युवा देश है, जिसके श्रमबल की गुणवत्ता में सुधार की संभावना है, बचत की दर काफी ऊंची है और अधिक समृद्धि की व्यापक उम्मीदें हैं। वुल्फ ने कहा कि 2050 तक भारत का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति के आधार पर) उसी स्तर पर होगा, जहां आज चीन है। वुल्फ ने यह अनुमान भारत की वार्षिक वृद्धि पांच प्रतिशत तथा अमेरिका की 1.4 प्रतिशत रहने के आधार पर लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी भी अमेरिकी की तुलना में 4.4 गुना होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह कल्पना करना मुश्किल नहीं है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2050 तक अमेरिका के समान होगा। ऐसे में पश्चिमी नेता समझदारी से भारत पर दांव लगा रहे हैं। 

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