संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की कारोबार संबंधी संस्था ने कहा है कि 2021 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 26 फीसदी कम रहा क्योंकि 2020 में जो बड़े विलय एवं अधिग्रहण (एम ऐंड ए) सौदे हुए थे वे 2021 में नहीं हुए। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) के निवेश रूझान मॉनिटर ने बुधवार को कहा कि 2021 में वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 77 फीसदी बढ़कर कोविड-19 से पहले के स्तर से भी अधिक अनुमानित 1650 अरब डॉलर तक पहुंच गया जो 2020 में 929 अरब डॉलर था।
यूएनसीटीएडी की महासचिव रेबेका ग्रिन्सपन ने कहा, ‘‘विकासशील देशों में निवेश प्रवाह उत्साहजनक है लेकिन न्यूनतम विकसित देशों में उद्योगों में नए निवेश में ठहराव चिंता का प्रमुख विषय है।’’ रिपोर्ट में कहा गया कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में एफडीआई में अब तक का सबसे बड़ा उछाल आया है और यहां एफडीआई 2021 में अनुमानित 777 अरब डॉलर पहुंच गया जो 2020 के मुकाबले तीन गुना है।
विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में एफडीआई प्रवाह 30 फीसदी वृद्धि के साथ करीब 870 अरब डॉलर हो गया जबकि दक्षिण एशिया में यह 24 फीसदी गिरकर 2021 में 54 अरब डॉलर रहा। अमेरिका में एफडीआई 114 फीसदी वृद्धि के साथ 323 अरब डॉलर पहुंच गया। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भारत में एफडीआई प्रवाह 26 फीसदी कम रहा क्योंकि 2020 में जो एम ऐंड ए सौदे हुए थे वे 2021 में नहीं हुए।’’ भारत में 2020 में एफडीआई 27 फीसदी बढ़कर 64 अरब डॉलर था जो 2019 में 51 अरब डॉलर था।
रिपोर्ट मे कहा गया कि कोविड-19 की दूसरी लहर का भारत की आर्थिक गतिविधियों पर बहुत असर रहा और अप्रैल 2021 में दूसरी लहर के कारण भारत में ग्रीनफिल्ड परियोजनाएं 19 फीसदी संकुचन के साथ 24 अरब डॉलर हो गईं। यूएनसीटीएडी में निवेश एवं उद्यम निदेशक जेम्स झान ने कहा, ‘‘विनिर्माण और वैश्विक मूल्य श्रंखला (जीवीसी) में नए निवेश का स्तर कम रहा क्योंकि दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही थी और इसका दूसरा कारण था भूराजनीतिक तनाव बढ़ना।’
Latest Business News