देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बीते हफ्ते जबरदस्त उछाल देखने को मिला। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि 26 जनवरी को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 59.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 616.733 अरब डॉलर हो गया। इससे एक सप्ताह पहले विदेशी मुद्रा का कुल भंडार 2.795 अरब डॉलर की भारी गिरावट के साथ 616.143 अरब डॉलर रह गया था।
बता दें, किसी भी देश के लिए विदेशी मुद्रा भंडार काफी जरूरी होता है। यह उस देश की मुद्रा अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले स्थिर रखने के काम आता है। इसके अलावा वैश्विक संकटों से देश को बचाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
गोल्ड रिजर्व में हुआ इजाफा
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 26 जनवरी को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का अहम हिस्सा माने लाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 28.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 546.144 अरब डॉलर हो गई। डॉलर के संदर्भ में उल्लिखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार 26.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 47.481 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 2.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.248 अरब डॉलर हो गया। समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास भारत की आरक्षित जमा 60 लाख डॉलर बढ़कर 4.86 अरब डॉलर हो गई।
उच्च स्तर से दूर
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। लेकिन पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम के बीच रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक को इस भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल करना पड़ा था।
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