पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। लेकिन इस मुश्किल दौर में भी सरकार मूर्खतापूर्ण कदम उठाने से कतई हिचकिचा नहीं रही है। हालात ऐसे में हैं कि मामूली मौसमी बुखार भी लोगों की मौत का सबब बन सकता है, क्योंकि पाकिस्तान में दवा है ही नहीं। जहां पाकिस्तान में कोविड की छठी लहर की आशंका जताई जा रही है। वहीं सरकार ने दवाओं पर भारी आयात शुल्क लाद दिया है, जिससे पैरासिटामोल जैसी बेसिक दवा की भी किल्लत हो गई है।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार महामारी की छठी लहर की आशंका के बीच इस बीमारी के इलाज और बचाव में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर भारी आयात शुल्क लगाने के चलते दवाओं की किल्लत हो गई है। इसके चलते नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान में पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हुई है और इससे संकेत मिलता है कि महामारी के खिलाफ उसकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
सरकारी खजाना भरने के लिए बढ़ाई इंपोर्ट ड्यूटी
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि गंभीर आर्थिक संकट और घटते विदेशी भंडार से जूझ रही पाकिस्तान सरकार ने इन दवाओं पर आयात शुल्क दोबारा लगा दिया था। देश में पूर्ववर्ती पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने नेबुलाइजर, फेस मास्क और दस्ताने जैसे उपकरणों को कर-मुक्त घोषित किया था। अखबार ने कहा कि थोक दवा संघ के अध्यक्ष मुहम्मद आतिफ ने दवाओं की किल्लत की पुष्टि की है। उन्होंने खासतौर से दवा पैनाडोल का जिक्र करते हुए कहा कि इस दवा के स्थानीय बाजारों से गायब होने की आशंका है। इस वजह से दवाओं की काला बाजारी भी बढ़ गई है।
पेट्रोल के दाम में भारी बढ़ोतरी
पाकिस्तान में जीना और मरना दोनों ही मुश्किल है। एक ओर दवा की किल्लत से लोग परेशान हैं, वहीं तेल के दाम ने उनका जीना दूभर कर दिया है। पाकिस्तानी सरकार ने बीते हफ्ते पेट्रोल पर दस रुपये प्रति लीटर और हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी), केरोसिन और हल्के डीजल तेल (एलडीओ) पर पांच रुपये प्रति लीटर पेट्रोलियम शुल्क लगाया है। इसकी वजह से पेट्रोल की कीमत में 14.85 रुपये, एचएसडी में 13.23 रुपये, मिट्टी के तेल में 18.83 रुपये और एलडीओ में 18.68 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। पाकिस्तान में पेट्रोल की एक्स-डिपो अब 248.74 रुपये प्रति लीटर, एचएसडी 276.54 रुपये, केरोसिन 230.26 रुपये और एलडीओ 226.15 रुपये हो गया है।
आईएमएफ ने कर्ज देने से पहले रखी थी शर्त
आईएमएफ ने राहत पैकेज को दोबारा शुरू करने के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी और पेट्रोलियम उत्पादों पर शुल्क लगाने जैसी सख्त पूर्व-शर्त रखी है। इन शर्तों को लागू करने के बाद आईएमएफ अपने कार्यकारी मंडल को ऋण किश्त की मंजूरी और कार्यक्रम के पुनरुद्धार के लिए पाकिस्तान के अनुरोध को प्रस्तुत करेगा। इस प्रक्रिया में एक और महीने का समय लग सकता है। 22 जून को पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ रुके हुए छह अरब डॉलर के सहायता पैकेज को बहाल करने और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से वित्तपोषण के लिए राह खोलने के लिए एक समझौता किया था।
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