नयी दिल्ली। खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी करने वाली कंपनी जोमैटो और स्विगी एक बड़े विवाद में फंस गई हैं। इन कंपनियों पर प्रतिस्पर्धा कानून तोड़ने का आरोप लगा है। मामला सामने आने के बाद जोमैटो ने मंगलवार को कहा कि वह कुछ रेस्तरांओं को तरजीह देने के मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के समक्ष अपनी बात रखेगी।
मामले की बात करें तो सीसीआई ने स्विगी और जोमैटो के खिलाफ रेस्तरां भागीदारों के साथ कथित अनुचित व्यापार व्यवहार को लेकर विस्तृत जांच का आदेश दिया था। जोमैटो ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा, ‘‘आयोग ने अपने आदेश में कहा कि उसे प्रथम दृष्टया कमीशन या सेवाओं को लेकर हमारी स्वतंत्रता के संबंध में कोई चिंता नहीं मिली है।’’
सीसीआई ने हालांकि अपने आदेश में कहा था कि वह रेस्तरां भागीदारों को तरजीही देने और सभी मंचों पर मूल्य को तय करने जैसे समान पहलुओं की जांच करेगा। वही जोमैटो ने कहा कि वह सीसीआई के साथ मिलकर काम करेगी और जांच में सहयोग करेगी।
कंपनी ने कहा कि वह नियामक को समझाएगी कि उसका व्यापार व्यवहार प्रतिस्पर्धा कानूनों के अनुपालन में हैं और भारत में प्रतिस्पर्धा पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। कंपनी ने कहा कि वह सीसीआई के किसी भी सुझाव का तत्काल रूप से अनुपालन करेगी।
नियामक ने यह आदेश दरअसल भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) की शिकायत के बाद जारी किया है। दोनों कंपनियों के खिलाफ उनके रेस्तरां भागीदारों के साथ अनुचित तरीके से व्यापार करने का आरोप है।
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