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Hindi News पैसा बिज़नेस Loan Apps: अवैध लोन एप की वजह से लोग कर रहे हैं आत्महत्या, बैन लगाने के लिए सरकार उठा रही है ये कदम

Loan Apps: अवैध लोन एप की वजह से लोग कर रहे हैं आत्महत्या, बैन लगाने के लिए सरकार उठा रही है ये कदम

डिजिटल ऋण ऐप के कुछ परिचालकों के कथित रूप से उत्पीड़न के कारण कर्ज लेने वालों में आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं।

Loan App- India TV Paisa Image Source : FILE Loan App

देश में डिजिटल माध्यम से लोन देने वाली अवैध एप्स ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। देश के हर कोने से इन एप्स के खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हैं। हाल के दिनों में इन एप्स की धमकियों के चलते लोगों द्वारा आत्महत्या जैसे कदम उठाने की भी घटनाएं सामने आई हैं। कर्ज के बढ़ते जंजाल पर अब सरकार भी कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बिना पंजीकरण के अवैध तरीके से काम कर रहे ऋण ऐप से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर आज संबंधिति अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के बीच इस तरह के ऐप की जांच करने के लिए कई उपायों को लागू करने का फैसला भी किया। 

बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा है एप्स का कारोबार 

ज्यादातर डिजिटल ऋण देने वाले ऐप केंद्रीय बैंक के साथ पंजीकृत नहीं हैं और अपने आप ये काम करना शुरू कर देती हैं। डिजिटल ऋण ऐप के कुछ परिचालकों के कथित रूप से उत्पीड़न के कारण कर्ज लेने वालों में आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं। 

वित्त मंत्रालय ने लिया ये निर्णय 

वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला किया गया कि आरबीआई सभी कानूनी ऐप की एक सूची तैयार करेगा। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) यह सुनिश्चित करेगा कि केवल इन्हें ही ऐप स्टोर पर ‘होस्ट’ किया जाए। आरबीआई ऐसे खातों की निगरानी करेगा, जिनका इस्तेमाल धन शोधन के लिए किया जा सकता है। साथ ही किसी दुरुपयोग से बचने के लिए निष्क्रिय एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) की समीक्षा की जाएगी। 

गैर पंजीकिृत ऋणदाताओं पर शिकंजा 

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक यह भी सुनिश्चित करेगा कि भुगतान ‘एग्रीगेटर्स’ का पंजीकरण एक समय सीमा के भीतर पूरा हो जाए और उसके बाद किसी भी अपंजीकृत भुगतान ‘एग्रीगेटर’ को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे ऐप के प्रसार को रोकने के लिए कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) मुखौटा कंपनियों की पहचान करेगा और उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए उनका पंजीकरण रद्द करेगा। इसके अलावा, इन ऐप के बारे में ग्राहकों, बैंक कर्मचारियों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य संबंधित पक्षों के बीच साइबर जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। 

निम्न आय वर्ग पर निशाना 

सीतारमण ने बैठक के दौरान खासतौर से कमजोर और निम्न-आय वर्ग के लोगों को भारी ब्याज दरों और छिपे हुए शुल्कों के साथ कर्ज देने वाले अवैध ऋण ऐप के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। बैठक में वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, एमईआईटीवाई सचिव और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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