वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को नोबेल पुरस्कार देने की मांग उठी है। यह मांग किसी आम व्यक्ति या संस्था ने नहीं बल्कि देश में कारोबारियों की सबसे बड़ी संस्था पीएचडी चैंबर की ओर से उठाई गई है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष राजीव तलवार ने सुझाव दिया कि वह और उनकी टीम नोबेल पुरस्कार के लिये नामांकित होने के पात्र हैं। बता दें कि इस कार्यक्रम में वित्तमंत्री स्वयं मौजूद थीं। लेकिन तलवार की बातों पर वित्त मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया।
उद्योग मंडल के पूर्व प्रमुख ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के पूर्व प्रमुख बेन बर्नान्के की तरह देश की महिला वित्त मंत्री भी नोबेल पुरस्कार के लिये नामित होने को पात्र हैं। उन्होंने बजट बाद पीएचडीसीसीआई के साथ बैठक में यह बात कही। बैठक में उद्योगपतियों के साथ-साथ पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारी शामिल हुए।
तलवार ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि पूर्व में आपने जो उपलब्धि हासिल की है, चाहे वह जीएसटी संग्रह बढ़ने की बात हो या फिर 2019 में कंपनी कर में कटौती का मामला, आपने न केवल पहली महिला वित्त मंत्री बल्कि संभवतः देश की सबसे अच्छी वित्त मंत्री होने का गौरव अर्जित किया है।’’
डीएलएफ लि.के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने तलवार ने कहा, ‘‘और अगर कोई यह कहने और सपने देखने की हिम्मत कर सकता है कि 2008 में जो कुछ हुआ उसके लिए बेन बर्नान्के को नोबेल पुरस्कार मिल सकता है। हमें लगता है कि भारत इस समय सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, हमें कोई कारण नजर नहीं आता कि आपको और आपकी टीम को नोबेल पुरस्कार के लिये नामांकित क्यों नहीं किया जाना चाहिए।’’
हालांकि, तलवार की बातों पर वित्त मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया। पिछले साल, बर्नान्के को दो अन्य अमेरिकी अर्थशास्त्रियों डगलस डब्ल्यू.डायमंड और फिलिप एच.डायबविग के साथ बैंक विफलताओं के नतीजों में अपने शोध के लिये अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला था।
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