Flop Show: शेयर बाजार में आम लोगों की बढ़ती रुचि के बीच कंपनियों में आईपीओ लाने की होड़ मची हुई है। फिलहाल एलआईसी आईपीओ की सबसे ज्यादा चर्चा है। अक्सर लोग मोटे मुनाफे के लिए आईपीओ में पैस लगाते भी हैं। लेकिन बीते साल आईपीओ लाने वाली फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने निवेशकों का बंटाधार कर दिया है। बीते 6 महीने में कंपनी का शेयर 65 फीसदी टूट चुका है, वहीं इस कंपनी के शेयर में पैसा लगाने वाले निवेशकों के 87,800 करोड़ रुपये साफ हो चुके हैं।
शुक्रवार को भी जोमैटो के लिए ब्लैक फ्राइडे रहा। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 52-सप्ताह के निचले स्तर 57.65 रुपये पर आ गया। बाजार के शुरुआती घंटों के दौरान इसके शेयर में 6 प्रतिशत की तेज गिरावट दर्ज की गई। इस वक्त बीएसई पर जोमैटो शेयर की कीमत 58.30 रुपये है।
लिस्टिंग के बाद सबसे कम पूंजीकरण
शुक्रवार को जोमैटो का बाजार पूंजीकरण घटकर 45,381.69 करोड़ रुपये पर आ गया, जो लिस्टिंग के बाद से सबसे कम है। यह नवंबर में 1,33,144.38 करोड़ रुपये के अपने पीक कैप से 87,732.69 करोड़ रुपये कम है। नवंबर 2021 में जोमैटो स्टॉक ने 169.10 रुपये के ऑल टाइम हाई को छुआ था।
आईपीओ में सुपरहिट बाजार में आते ही ढेर
जोमैटो का आईपीओ जुलाई 2021 में आया था। इस आईपीओ से कंपनी ने 9,375 करोड़ रुपये जुटाए थे। लेकिन जैसे जैसे 2021 में टेक शेयर धराशाई होने शुरू हुए, वहीं इस शेयर में गिरावट आनी शुरू हो गई। संस्थागत निवेशकों ने मार्च 2022 तिमाही में जोमैटो में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी। डॉमेस्टिक म्युचुअल फंड्स ने कंपनी में 2.82 फीसदी हिस्सेदारी रखने के लिए 8.3 करोड़ इक्विटी शेयर या 1.1 फीसदी हिस्सेदारी को बेच दिया।
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