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Flipkart से ऑर्डर किया iPhone और डिलीवर हुआ साबुन, शिकायत पर आयोग का फैसला सुनकर झूम उठेंगे आप

Flipkart News: ऑनलाइन समान ऑर्डर करने पर कई बार गलत प्रोडक्ट आ जाता है, जिसे रिटर्न करने पर कंपनियां खुद से आकर फ्रेश प्रोडक्ट दोबारा डिलीवर करती हैं, लेकिन कर्नाटक में एक ऐसा केस सामने आया कि मामला आयोग तक चला गया। आज आयोग ने फैसला भी सुना दिया है।

Flipkart - India TV Paisa Image Source : FILE Flipkart

Flipkart Product: उपभोक्ता आयोग ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिकार्ट (Flipkart) और एक खुदरा विक्रेता को सेवा में कमी तथा व्यापार के अनुचित तौर-तरीके अपनाने पर एक उपभोक्ता को 25,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। कर्नाटक के कोप्पल में रहने वाले हर्षा एस ने एप्पल आईफोन ऑर्डर किया था, लेकिन इसके बजाय उन्हें कपड़े धोने का एक साबुन और की-पैड वाला छोटा फोन भेज दिया गया। आईफोन के लिए हर्षा ने 48,999 रुपये का भुगतान किया था। कंपनी और खुदरा विक्रेता पर लगाया गया जुर्माना इस राशि के अतिरिक्त होगा। इसके बाद उपभोक्ता ने फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड और साने रिटेल्स के खिलाफ कोप्पल स्थित जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया था। 

iPhone की कीमत तय समय के अंदर देने का आदेश

आयोग ने पिछले हफ्ते सुनाए फैसले में फ्लिपकार्ट और विक्रेता को सेवा में कमी का जिम्मेदार माना और कहा कि उनकी गतिविधि अनुचित व्यापार मानी जाएगी क्योंकि उन्होंने उत्पाद का पूरा भुगतान लेने के बावजूद गलत उत्पाद भेजा। इसमें उपभोक्ता को सेवा में कमी के बदले में 10,000 रुपये का और मानसिक प्रताड़ना के एवज में 15,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया। कंपनी और विक्रेता को फोन के बदले में वसूले गए 48,999 रुपये भी आठ हफ्ते के भीतर लौटाने का आदेश दिया गया है।

देश में तेजी से बढ़ रही ऑनलाइन ऑर्डर करने वालों की संख्या

सरकार के पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केट (जीईएम) पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद चालू वित्त वर्ष 2022-23 में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। पोर्टल पर एक फरवरी को खरीद का आंकड़ा 1.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था। बता दें कि यह पोर्टल केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद करने के लिए नौ अगस्त, 2016 को लाया गया था। उन्होंने बताया कि पोर्टल पर विविध प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं के लिए लगभग 66,000 सरकारी खरीदार संगठन और 58 लाख से ज्यादा विक्रेता और सेवाप्रदाता हैं।

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