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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत के क्रेडिट का फिच ने जारी किया आउटलुक, जानें आर्थिक तौर पर देश को कितना आंकती है रेटिंग एजेंसी

भारत के क्रेडिट का फिच ने जारी किया आउटलुक, जानें आर्थिक तौर पर देश को कितना आंकती है रेटिंग एजेंसी

भारत की रेटिंग को इसके मध्यम अवधि के मजबूत वृद्धि परिदृश्य से समर्थन हासिल है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में जीडीपी के हिस्से के साथ इसकी ठोस बाहरी वित्तीय स्थिति और इसके कर्ज प्रोफाइल के संरचनात्मक पहलुओं में सुधार को आगे बढ़ाएगा।

भारत की यह अगस्त, 2006 के बाद की सबसे कम निवेश रेटिंग है। - India TV Paisa Image Source : REUTERS भारत की यह अगस्त, 2006 के बाद की सबसे कम निवेश रेटिंग है।

दुनियाभर में जारी भौगोलिक तनाव के बीच आर्थिक मोर्चे पर कई देश चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इस बीच ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को भारत के क्रेडिट (साख) को स्टेबल आउटलुक (स्थिर परिदृश्य) के साथ 'बीबीबी-' पर बरकरार रखा है। फिच की इस रेटिंग से यह पता चलता है कि इस तरह भारत की रेटिंग सबसे कम निवेश स्तर 'बीबीबी-' पर बनी हुई है। रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत की यह अगस्त, 2006 के बाद की सबसे कम निवेश रेटिंग है। भाषा की खबर के मुताबिक, फिट रेटिंग्स ने एक बयान में कहा कि रेटिंग एजेंसी ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता चूक रेटिंग (आईडीआर) को स्टेबल आउटलुक के साथ 'बीबीबी-' पर बरकरार रखा है।

सुधार को आगे बढ़ाएगी फिच की रेटिंग

खबर के मुताबिक, बयान में कहा गया है कि भारत की रेटिंग को इसके मध्यम अवधि के मजबूत वृद्धि परिदृश्य से समर्थन हासिल है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिस्से के साथ इसकी ठोस बाहरी वित्त स्थिति और इसके कर्ज प्रोफाइल के संरचनात्मक पहलुओं में सुधार को आगे बढ़ाएगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि हाल ही में राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों की प्राप्ति, पारदर्शिता में बढ़ोतरी और राजस्व में उछाल से राजकोषीय विश्वसनीयता बढ़ी है।

वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान

इससे इस बात की संभावना बढ़ी है कि मध्यम अवधि में भारत के सरकारी कर्ज में मामूली गिरावट आ सकती है। इसके बावजूद राजकोषीय आंकड़े भारत के ऋण परिदृश्य की कमजोरी बने हुए हैं। घाटा, ऋण और ऋण सेवा बोझ 'बीबीबी' श्रेणी के अन्य देशों की तुलना में अधिक हैं। शासन संकेतक और प्रति व्यक्ति जीडीपी में कमी भी रेटिंग पर असर डालती है। फिच रेटिंग्स ने भारत के वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में से एक बने रहने की उम्मीदों के बीच कहा कि हम वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाते हैं, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 8.2 प्रतिशत से थोड़ा कम है।

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