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Fitch: बेकाबू महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दर में इतनी फीसदी की बढ़ोतरी करेगा RBI

फिच ने कहा, मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है और सीपीआई की अधिक श्रेणियों में फैल गई है।

<p>Infaltion </p>- India TV Paisa Image Source : FILE Infaltion 

Highlights

  • 6.7% महंगाई रहने का अनुमान जताया है आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में
  • 4.9 प्रतिशत कर दिया है आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ाकर
  • 7.3% की वृद्धि हुई है खाद्य मुद्रास्फीति में वार्षिक आधार पर औसतन

Fitch रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर 2022 तक ब्याज दरों को 5.9 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। पिछले सप्ताह आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया। यानी बेकाबू महंगाई को काबू करने के लिए दिसंबर तक आरबीआई अभी ब्याज दर में एक फीसदी की और बढ़ोतरी करेगा। फिच ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के अपने ताजा अपडेट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बिगड़ते बाहरी माहौल, जिंस कीमतों में बढ़ोतरी और सख्त वैश्विक मौद्रिक नीति का सामना कर रही है। 

2023 तक 6 फीसदी की पार होगी ब्याज दर 

रेटिंग एजेंसी ने कहा, महंगाई के लिए बिगड़ते परिदृश्य को देखते हुए, अब हमें उम्मीद है कि आरबीआई ब्याज दर को बढ़ाकर दिसंबर 2022 तक 5.9 प्रतिशत और 2023 के अंत तक 6.15 प्रतिशत (जबकि पिछला पूर्वानुमान पांच प्रतिशत था) कर सकता है और 2024 में इसके अपरिवर्तित रहने की उम्मीद है। पिछले महीने तय कार्यक्रम के बिना एक नीति घोषणा में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दरों को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया था, और बाद में पिछले सप्ताह इसे और बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। मई में खुदरा महंगाई 7.04 फीसदी पर थी। 

बढ़ी महंगाई उपभोक्ताओं के लिए चुनौती 

फिच ने कहा, मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है और सीपीआई की अधिक श्रेणियों में फैल गई है। यह उपभोक्ताओं के लिए एक गंभीर चुनौती है। पिछले तीन महीनों में, खाद्य मुद्रास्फीति में वार्षिक आधार पर औसतन 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि स्वास्थ्य देखभाल का खर्च भी लगातार बढ़ रहा है। फिच के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में खपत बढ़ने से वृद्धि में सुधार होने की संभावना है, क्योंकि मार्च के अंत में कोविड-19 संक्रमण के मामले कम हो गए थे। 

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