2011 के बाद सबसे बड़ी मुश्किल में US! पहली बार Fitch ने घटाई रेटिंग, जानिए अमेरिका को आए इस 'बुखार' से क्यों कांप रही है दुनिया
फिच ने अभी तक अमेरिका को सर्वोच्च रेटिंग दे रखी थी। लेकिन बढ़ते कर्ज को देखते हुए अब बाइडन सरकार की रेटिंग को एक पायदान घटाकर ट्रिपल A (AAA) से एए प्लस कर दिया है।
कहा जाता है कि जब अमेरिका को जुखाम होता है तो दुनिया भर को बुखार आ जाता है। 2011 के बाद कुछ ऐसी ही स्थिति एक बार फिर बनती दिख रही है। दुनिया की महाशक्ति और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका की इकोनॉमी (US Economy) को लेकर बुरी खबर आई है। महंगाई और मंदी की वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। दुनिया की प्रमुख रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने 2011 के बाद पहली बार अमेरिका की सॉवरेन रेटिंग घटा दी है। फिच ने अमेरिका की रेटिंग को AAA से घटाकर AA+ कर दिया है। इसका असर दुनिया भर के बाजारों पर भी पड़ा है और आज अमेरिका से लेकर भारत तक के बाजारों में गिरावट आई है।
अभी तक मिली थी टॉप रेटिंग
फिच ने अभी तक अमेरिका को सर्वोच्च रेटिंग दे रखी थी। लेकिन बढ़ते कर्ज को देखते हुए अब बाइडन सरकार की रेटिंग को एक पायदान घटाकर ट्रिपल ए (एएए) से एए प्लस कर दिया है। हालांकि, यह अब भी निवेश श्रेणी की रेटिंग है। फिच ने कहा कि यह इस स्तर पर सबसे ऊंची संभावित रेटिंग है। Moody’s Investors Service ने अमेरिका को 1917 में एएए रेटिंग दी गई थी जिसे परफेक्ट क्रेडिट रेटिंग माना जाता है। फिच का यह कदम दर्शाता है कि बढ़ते राजनीतिक ध्रुवीकरण तथा खर्च और करों पर अमेरिका में बार-बार होने वाले गतिरोध के कारण अमेरिकी करदाताओं को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
क्यों घटी अमेरिका की रेटिंग
रेटिंग एजेंसी ने संघीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर बढ़ते कर्ज और पिछले दो दशक में कामकाज के संचालन के मानकों में लगातार गिरावट का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है। बता दें कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व महंगाई को काबू में रखने के लिए पिछले करीब डेढ़ साल से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी कर रहा है। लेकिन इसके बावजूद महंगाई काबू में नहीं आ पाई है। दूसरी ओर जॉब डेटा और डिमांड के डेटा बता रहे हैं कि फेड की कोशिशों के बाद भी अमेरिका में महंगाई घटने की संभावना नहीं दिख रही है।
अमेरिका पर होगा क्या असर
फिच का कहना है कि अमेरिका में पिछले 20 साल में गवर्नेंस की स्थिति बदतर हुई है। क्रेडिट रेटिंग में कमी अमेरिका सरकार के लिए कर्ज की लागत बढ़ा सकती है। इससे अमेरिका को महंगी दर पर कर्ज मिलेगा। इसके चलते दुनिया के अन्य देशों को अमेरिका से जो ग्रांट या मदद दी जाती है, उसमें भी कमी आ सकती है। अमेरिका के इतिहास में यह दूसरा मौका है जबकि जबकि उसकी साख घटाई गई है। इससे पहले 2011 में रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने सरकार की ऋण सीमा पर चले लंबे गतिरोध के बाद उसकी एएए रेटिंग को घटा दिया था।
येलेन के निशाने पर फिच
दुनियाभर के इनवेस्टर्स निवेश के लिए क्रेडिट रेटिंग्स को बेंचमार्क मानते हैं। इससे पता चलता है कि किसी कंपनी या सरकार के इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाने में कितना जोखिम है। हालांकि अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन (Treasury Secretary Janet Yellen) ने इसे एजेंसी की मनमानी बताया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 2018 से 2020 के पुराने डेटा के आधार पर यह रेटिंग दी है