इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बुधवार को कहा कि सरकार खर्च पर कंट्रोल रखकर वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को 4.75 प्रतिशत पर रख पाने में सक्षम होगी, जो बजट लक्ष्य से 0.19 प्रतिशत कम है। घरेलू रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सब्सिडी को छोड़कर राजस्व व्यय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.12 प्रतिशत होगा, जो बजट अनुमान से कम है। इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री और सार्वजनिक वित्त प्रमुख देवेंद्र कुमार पंत ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में सरकार का पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 62,000 करोड़ रुपये कम रहेगा।
सरकारी पूंजीगत व्यय
हालांकि, पंत ने यह कहा कि सरकारी पूंजीगत व्यय अब भी एक साल पहले के मुकाबले 10.6 प्रतिशत अधिक रहेगा। सरकार ने शुरू में पूंजीगत व्यय में 17.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भले ही सरकारी पूंजीगत व्यय घटा है, लेकिन चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के मुकाबले पूंजीगत व्यय 3.21 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो दो दशक का उच्चतम स्तर है। एजेंसी ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 के पूंजीगत व्यय में वृद्धि अप्रैल-मई में हुए आम चुनावों से प्रभावित हुई और पहली छमाही में पूंजीगत व्यय सालाना आधार पर 15.42 प्रतिशत कम रहा। ऐसे में बजट लक्ष्य तक पहुंचने के लिए वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में पूंजीगत व्यय में 52.04 प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए, जो मुश्किल काम लगता है।’’
यहां है चिंता
इंडिया रेटिंग्स को उम्मीद है कि रेलवे और सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अपने पूंजीगत व्यय आवंटन को पार कर जाएंगे। लेकिन खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी पर अधिक व्यय के कारण सब्सिडी के मोर्चे पर सकल घरेलू उत्पाद में 0.10 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
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