मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को वित्त-प्रौद्योगिकी (फिनटेक) उद्योग को अत्यधिक उधार देने और अल्पकालिक फोकस से बचने के लिए कहा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रौद्योगिकी संभावनाएं और प्रोडक्ट इनोवेशन अपने वादे पर खरा उतरें। नागेश्वरन ने कहा कि किसी भी नए उपकरण या टूल की तरह फिनटेक में भी अपार संभावनाएं हैं, लेकिन चुनौतियां भी हैं।
चुनौतियों और खतरों के बारे में पता होना चाहिए
खबर के मुताबिक, उन्होंने यहां वर्ल्ड ट्रेड सेंटर द्वारा आयोजित नौवें वैश्विक आर्थिक शिखर सम्मेलन में कहा कि बाजार प्रतिभागियों, उद्योग सहभागियों को उन चुनौतियों और खतरों के बारे में पता होना चाहिए जो वित्त और प्रौद्योगिकी के शक्तिशाली मेल से सामाजिक स्थिरता, निम्न और मध्यम आय वाले लोगों के साथ ही सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए उत्पन्न हो सकते हैं। नागेश्वरन ने उद्योग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भारत जैसे कम वित्तीय साक्षरता वाले देश में उपभोक्ताओं की बचत, आय और संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे।
अल्पकालिक फोकस से बचना होगा
उन्होंने कहा कि फिनटेक प्रदाताओं को सफलता सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक उधार और अल्पकालिक फोकस से बचना होगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय साक्षरता और इसके महत्व को तो हर कोई समझता है, लेकिन इसके व्यावहारिक निहितार्थों को शायद ही कोई समझ पाता है, इसलिए उद्योग पर इसका दायित्व दोगुना है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार को समझें
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) सरकार को आर्थिक मामलों पर सलाह देते हैं। साथ ही भारत के केंद्रीय बजट पेश किए जाने से पहले संसद में पेश किए जाने वाले भारत के आर्थिक सर्वेक्षण की तैयारी के लिए जिम्मेदार होते हैं। सीईए भारत सरकार के सचिव के पद पर होते हैं। साल 2009 तक, भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा नियुक्त किया जाता था और 1970 के दशक तक लगभग सभी मुख्य आर्थिक सलाहकार भारतीय आर्थिक सेवा के सदस्य होते थे।
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