अगर आपने 31 मार्च की डेडलाइन पार होने के बाद भी अभी तक अपना आधार और पैन कार्ड लिंक नहीं कराया है और अब 30 जून की अगली डेडलाइन का इंतजार कर रहे हैं, तो यह आपकी जेब पर भी भारी पड़ सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार से नहीं जोड़ने पर लगने वाले जुर्माने का बचाव किया। बता दें कि सरकार ने हाल ही में डेडलाइन को बढ़ाकर 30 जून कर दिया था। इस साल 30 जून से पहले आधार से लिंक नहीं होने पर पैन निष्क्रिय हो जाएगा।
पिछले साल मार्च तक फ्री थी प्रक्रिया
उन्होंने कहा कि आधार-पैन लिंकिंग 31 मार्च, 2022 तक मुफ्त थी। पिछले साल 1 अप्रैल से 500 रुपये का विलंब शुल्क लगाया जा रहा था, जिसे बाद में 1 जुलाई से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया था। लेकिन इस डेडलाइन के बाद भी जो लोग लिंक नहीं करा पाते हैं, उन्हें ज्यादा जुर्माना भरना पड़ सकता है। गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ’समय पहले दिया गया था, जब भी संभव हो आधार-पैन को लिंक किया जाना चाहिए था... लिंक अभी किया जाना चाहिए।’
अटक सकते हैं आयकर से जुड़े काम
वित्त मंत्री ने कहा कि अगर यह समय सीमा समाप्त हो जाती है, तो जुर्माने की राशि बढ़ जाएगी। 28 मार्च को जारी वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पैन वाले किसी भी व्यक्ति को इसे आधार से जोड़ना होगा या परिणाम भुगतना होगा, जिसमें स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) कटौती शामिल है।
1 जुलाई, 2017 तक पैन बनवाने वालों के लिए अनिवार्य
बयान में कहा गया है, ’आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत, प्रत्येक व्यक्ति जिसे 1 जुलाई, 2017 को पैन आवंटित किया गया है और आधार संख्या प्राप्त करने के लिए पात्र है, को इसकी सूचना देना आवश्यक है। ऐसा करने में विफल होने पर पैनकार्ड धारक को अधिनियम के तहत परिणाम भुगतने होंगे। पैन और आधार को जोड़ने के उद्देश्य से निर्धारित प्राधिकरण को आधार की सूचना देने की तारीख अब बढ़ाकर 30 जून, 2023 कर दी गई है।
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