अमेरिका के केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। बुधवार को अपनी दो दिवसीय पॉलिसी बैठक के अंत में फेड ने ब्याज दरों को अपरिवर्तित छोड़ दिया। अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने बुधवार को संकेत दिए थे कि मुद्रास्फीति से निपटने के लिए वह मार्च में ब्याज दरें बढ़ा सकता है। फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के आज के बयान का समझें तो फेडरल रिजर्व ने कोरोना महामारी के बाद ब्याज दर में पहली बार वृद्धि करने के लिए आधार तैयार कर दिया है। पॉवेल के मुताबिक जल्द ही ब्याज दरों में बदलाव किया जाएगा।
भारत की बात करें तो ब्याजदरें न बढ़ाने के फेड के इस निर्णय से गुरुवार को भारतीय बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है। आज बाजार खुलते ही 1100 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक से शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी। सोमवार को बाजार में 1900 अंकों की बड़ी गिरावट आई थी। हालांकि मंगलवार को बाजार 500 अंकों की तेजी के साथ बंद हुआ। लेकिन इस उठापटक में निवेशकों के 9 लाख करोड़ डूब गए।
जल्द बढ़ेंगी ब्याज दरें
फेडरल रिजर्व ने कहा कि अमेरिकी ब्याज दरें "जल्द ही" बढ़ेंगी। इसी के साथ केंद्रीय बैंक ने घोषणा की है कि वह मार्च की शुरुआत में यह अपने एसेट्स पर्चेज प्रोग्राम को समाप्त कर देगा। फेड ने, हालांकि, ब्याज दरों को बढ़ाने के लिए तारीख का एलान नहीं किया है। यूएस सेंट्रल बैंक की रेट-सेटिंग फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने एक नीति बयान में कहा, "महंगाई 2 प्रतिशत से ऊपर है और एक मजबूत श्रम बाजार के साथ, समिति को उम्मीद है कि जल्द ही फेडरल फंड रेट के लिए लक्ष्य सीमा बढ़ाना उचित होगा।"
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