इस राज्य के किसान फ्री में बांटेंगे लहसुन, जानिए क्यों आई यह नौबत
कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि चूंकि यह केंद्र सरकार का विषय है, इसलिए वह लहसुन के लिए एमएसपी तय करने के लिए केंद्र के साथ मामला उठाएंगे।
किसानों पर कभी मौसम की मार तो कभी फसल की सही कीमत नहीं मिलने का संकट! करें तो क्या करें किसान? ऐसी ही नौबत गुजार के लहसुन की खेती करने वाले किसानों के सामने आ गई है। दरअसल, खुले बाजार के साथ-साथ कृषि उत्पादक बाजार समिति (एपीएमसी) में लहसुन की कीमतों में तेज गिरावट से परेशान किसान अपनी उपज गरीबों में मुफ्त में बांटने के लिए मजबूर हुए हैं। गुजरात किसान संगठन ने गांधीनगर में 4000 किलोग्राम लहसुन का वितरण करने का फैसला किया है।
एक एकड़ पर मुश्किल से 22.50 रुपये की कमाई
गुजरात किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह जाला ने कहा कि प्रति एकड़ लहसुन की उत्पादन लागत 37,100 रुपये और प्रति एकड़ लहसुन की उपज 3000 किलो है। आज लहसुन का बाजार भाव 20 रुपये गिर गया है, जिसकी कीमत सिर्फ 150 रुपये है। किसान को एक एकड़ जमीन पर काटी गई फसल से मुश्किल से 22.50 रुपये की कमाई हो रही है। उनकी शिकायत है कि किसानों को प्रति एकड़ 14,600 रुपये का घाटा हो रहा है। किसानों की लंबे समय से लंबित मांग है कि राज्य और केंद्र सरकार बागवानी फसलों के लिए भी एमएसपी की घोषणा करती है। अफसोस की बात है कि जब बाजार की कीमतें गिर रही हैं, तब भी सरकारें मदद के लिए आगे नहीं बढ़ रही हैं।
किसानों को अच्छी कीमत नहीं मिल रही
उन्होंने कहा कि अगर इस मौसम में किसानों को अच्छी कीमत नहीं मिलती है, तो दिसंबर में खेती तुलनात्मक रूप से कम होगी, इससे अगले साल किल्लत पैदा होगी, जिससे अन्य समस्याएं पैदा होंगी। राज्य बागवानी निदेशक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 में किसानों ने 26,013 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की खेती की थी और उत्पादन 2,02,828 मीट्रिक टन था।
केंद्र सरकार को इससे संकट से अवगत कराएंगे
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए, कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने राजकोट में मीडियाकर्मियों से कहा कि चूंकि यह केंद्र सरकार का विषय है, इसलिए वह लहसुन के लिए एमएसपी तय करने के लिए केंद्र के साथ मामला उठाएंगे।