कुछ महीने पहले तक 250 से 300 रुपये प्रति किलो तक बिकने वाला टमाटर का भाव अब गिरकर 3 रुपये किलो पहुंच गया है। दरअसल, थोक कारोबारी किसान से इसी भाव में टमाटर खरीद रहे हैं। टमाटर के भाव में बड़ी गिरावट आने से किसानों को पैदावार का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के किसानों पर हुआ है। इन राज्यों में बंपर पैदावार ने बाजार में टमाटर की सप्लाई बढ़ा दी है। इसके चलते अगस्त में 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंचने के बाद अब कीमतें गिरकर 3-10 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर गईं हैं।
खुदरा बाजार में कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम
थोक बाजार में जरूर कीमतें गिरकर 3 रुपये प्रति किलो आ गई है लेकिन खुदरा बाजार में अब भी टमाटर 30 रुपये प्रति किलो बिक रही है। यानी 10 गुना अधिक भाव पर टमाटर की बिक्री की जा रही है, लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं दिया जा रहा है। किसानों का कहना है कि कीमत बढ़ने पर उनको फायदा नहीं मिला क्योंकि जमाखोर या होर्डिंग करने वाले कमाई किए। किसानों का हाथ उस समय भी खाली था और अब भी है।
सरकार उठा सकती है कदम
टमाटर की कीमत तेजी से गिरने के बाद किसानों की हितों की रक्षा के लिए सरकार कदम उठा सकती है। सरकार उन क्षेत्रों में किसानों से सीधे टमाटर खरीद सकती है, जहां स्थानीय बाजार में भरपूर फसल के कारण कीमतें गिर गई हैं। सूत्रों के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) का उपयोग उन संकटग्रस्त किसानों को राहत देने के लिए खरीदारी करने के लिए किया जाएगा, जिन्होंने अपनी फसल को मवेशियों के चारे के रूप में डंप करना शुरू कर दिया है, क्योंकि कीमतें कुछ क्षेत्रों में परिवहन लागत को भी कवर नहीं कर रही हैं। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को देश के अन्य हिस्सों में टमाटर की औसत थोक और खुदरा कीमतें क्रमशः 30 रुपये और 16 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास थीं।
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