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Kalyani Group में गहराया पारिवारिक विवाद, बाबा कल्याणी की बहन के बच्चों ने संपत्ति में मांगा हिस्सा

Kalyani Group के चेयरमैन बाबा कल्याणी और उनकी बहन सुगंधा के बीच पारिवारिक संपत्ति विवाद बढ़ गया है। अब सुगंधा के बच्चे मीर और पल्लवी ने संपत्ति बंटवारे को लेकर पुणे जिला अदालत में केस दायर किया है।

Kalyani Group- India TV Paisa Image Source : BHARAT FORGE WEBSITE Kalyani Group

देश के बड़े कारोबारी घरानों में से एक कल्याणी ग्रुप पारिवारिक विवाद में फंस गया है। ग्रुप की कंपनी भारत फोर्ज के चेयरमैन बाबा कल्याणी की बहन सुंगधा हीरेमथ के बच्चे समीर और पल्लवी ने पुणे की जिला अदालत में 20 मार्च को ग्रुप की संपत्ति में अधिकार का दावा किया है। मौजूदा समय में ग्रुप एक हिंदू अविभाजित परिवार यानी एचयूएफ है। बता दें,समीर और पल्लवी के केस दायर करने से काफी समय पहले कल्याणी ग्रुप में पारिवारिक संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया था आइए जानते हैं। 

क्या है कल्याणी ग्रुप का पारिवारिक संपत्ति विवाद? 

कल्याणी ग्रुप में  पारिवारिक संपत्ति विवाद में दो पक्ष है। पहला पक्ष है बाबा कल्याणी है और दूसरा है उनकी वहन सुंगधा हीरेमथ और उनके पति जयदेव हीरेमथ। दोनों की बीच विवाद की मुख्य वजह ग्रुप की कंपनी हिकाल लिमिटेड है, जो कि फार्मा और केमिकल प्रोडक्ट्स में कारोबार करती है। दोनों की पक्षों की इस कंपनी में हिस्सेदारी है। 

पिछले साल  सुगंधा और बाबा कल्याणी की माताजी के गुजरने के बाद, सुगंधा और उनके पति की ओर से एक केस बंबई उच्च न्यायालय  दायर किया गया था। इसमें  1994 में हुए पारिवारिक समझौते को लागू करने और कंपनी हिकाल का नियंत्रण हासिल करने की अपील की गई थी। 

बाबा कल्याणी नहीं कर रहे सहयोग

मुकदमे में समीर और पल्लवी ने संयुक्त परिवार में मतभेदों और उसके बाद विभिन्न अदालतों में मुकदमों के लिए बाबा के ‘‘अधिनायकवादी और असहयोगी रवैये’’ को जिम्मेदार ठहराया है। इस नए घटनाक्रम पर भारत फोर्ज के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता दावों के जरिये बाबा कल्याणी की छवि को ‘‘खराब’’ करना चाहते हैं और कहा कि वे बचाव पक्ष से संपर्क करने से पहले मीडिया के पास गए। 

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ जब भी हमारे खिलाफ मुकदमा दायर किया जाएगा, हम अदालत के समक्ष अपनी स्थिति का बचाव करेंगे, जिसमें कल्याणी, उनके परिवार और समूह की छवि खराब करने के लिए उचित नागरिक/आपराधिक मानहानि की कार्यवाही शुरू करना भी शामिल है।’’ याचिका में कहा गया कि समीर तथा पल्लवी एक सहदायिक के बच्चे होने के कारण सहदायिक बन जाते हैं और ‘‘इसलिए कल्याणी परिवार एचयूएफ की सभी संयुक्त पारिवारिक संपत्तियों में उनका अधिकार और हित है।’’

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